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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==

14:23, 11 सितम्बर 2011 का अवतरण

कोकल्ल प्रथम ने लगभग 845 ई. में कलचुरी वंश की स्थापना की थी। उसने त्रिपुरी को अपनी राजधानी बनाया था। सम्भवतः ये चन्द्रवंशी क्षत्रिय थे। कोकल्ल प्रतिहार शासक भोज एवं उसके सामन्तों को युद्ध में हराया । उसने तुरुष्क, वंग एवं कोंकण पर भी अधिकार कर लिया। विलहारी लेख में कोकल्ल के विषय में कहा गया है कि 'समस्त पृथ्वी को विजित कर उसने दक्षिण में कृष्णराज एवं उत्तर में भोज को अपने दो कीर्तिस्तम्भ के रूप में स्थापित किया। कोकल्ल के 18 पुत्रों में से उसका बड़ा पुत्र शंकरगण अगला कलचुरी शासक बना।

  1. शंकरगण
  2. लक्ष्मणराज
  3. गांगेयदेव विक्रमादित्य
  4. कर्णदेव


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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