"आओ कि कोई ख़्वाब बुनें -साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
('{{पुनरीक्षण}} {| style="background:transparent; float:right" |- | {{सूचना बक्सा कविता |...' के साथ नया पन्ना बनाया) |
|||
पंक्ति 40: | पंक्ति 40: | ||
ज़ुल्फ़ों के ख़्वाब, होंठों के ख़्वाब, और बदन के ख़्वाब | ज़ुल्फ़ों के ख़्वाब, होंठों के ख़्वाब, और बदन के ख़्वाब | ||
− | मेराज-ए-फ़न | + | मेराज-ए-फ़न के ख़्वाब, कमाल-ए-सुख़न के ख़्वाब<ref>मेराज-ए-फ़न=कला की उँचाई तक पहुँचना; कमाल-ए-सुख़न=बेहतरीन कविता</ref> |
तहज़ीब-ए-ज़िन्दगी के, फ़रोग़-ए-वतन के ख़्वाब | तहज़ीब-ए-ज़िन्दगी के, फ़रोग़-ए-वतन के ख़्वाब | ||
पंक्ति 46: | पंक्ति 46: | ||
ये ख़्वाब ही तो अपनी जवानी के पास थे | ये ख़्वाब ही तो अपनी जवानी के पास थे | ||
− | ये ख़्वाब ही तो अपने अमल | + | ये ख़्वाब ही तो अपने अमल के असास थे |
− | ये ख़्वाब मर गये हैं तो बे-रंग है हयात | + | ये ख़्वाब मर गये हैं तो बे-रंग है हयात |
− | यूँ है कि जैसे दस्त-ए-तह-ए-सन्ग | + | यूँ है कि जैसे दस्त-ए-तह-ए-सन्ग है हयात<ref>अमल=साकार करना; असास= नींव; हयात=जीवन; दस्त-ए-तह-ए-सन्ग=पत्थर के नीचे हाथ दब जाना</ref> |
आओ कि कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते | आओ कि कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते |
13:00, 23 जून 2013 का अवतरण
इस लेख का पुनरीक्षण एवं सम्पादन होना आवश्यक है। आप इसमें सहायता कर सकते हैं। "सुझाव" |
| ||||||||||||||||||||
|
आओ कि कोई ख़्वाब बुनें कल के वास्ते |
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ संगीन=कठिन; दौर=समय; ता-उम्र=सारी उम्र
- ↑ तेज़-गाम=तेज़ चलने वाली
- ↑ मेराज-ए-फ़न=कला की उँचाई तक पहुँचना; कमाल-ए-सुख़न=बेहतरीन कविता
- ↑ तहज़ीब-ए-ज़िन्दगी=जीने की कला; फ़रोग़-ए-वतन=देश का विकास; ज़िन्दाँ=जीवन; कूचा-ए-दार-ओ-रसन=फ़ाँसी तक जाने वाला रस्ता
- ↑ अमल=साकार करना; असास= नींव; हयात=जीवन; दस्त-ए-तह-ए-सन्ग=पत्थर के नीचे हाथ दब जाना
संबंधित लेख