एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"सरस्वती माता की आरती" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:Saraswati-Devi.jpg|सरस्वती देवी|thumb|200px]]
+
[[चित्र:Saraswati-Devi.jpg|[[सरस्वती देवी]]|thumb|200px]]
 
<blockquote><span style="color: blue"><poem>कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
 
<blockquote><span style="color: blue"><poem>कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
 
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते ॥</poem></span></blockquote>
 
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते ॥</poem></span></blockquote>
पंक्ति 26: पंक्ति 26:
 
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
 
जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
 
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....</poem></span></blockquote>
 
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....</poem></span></blockquote>
 +
 +
------
 +
 +
<blockquote><span style="color: blue"><poem>
 +
आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो |
 +
हंस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा |
 +
रावण का मन कैसे फेर, वर मागंत वन गया सबेरा |
 +
यह सब कृपा तिहरी, उपकारी हो मातु हमारी हो |
 +
तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो, हम आम्बुजन विकास करती हो |
 +
मंगल भवन मातु सरस्वती हो, बहुमूकन वाचल करती हो |
 +
विद्या देने वाली वीण, धारी हो मातु हमारी ||
 +
तुम्हारी कृपा गणनायक, लायक, विष्णु भये जग के पालक |
 +
अम्बा कहाई सृष्टी की कारण, भये शम्भु संसार ही घालक ||
 +
बंदौं आदि भवानी जग, सुखकारी हो मातु हमारी |
 +
सद्र्बुद्धि विधाबल मोहि, दीजै, तुम अज्ञान हटा कर लीजै ||
 +
जन्मभूति हित अर्पण कीजौ, कर्मवीर भस्महिं कर लीजौ ||
 +
जन्मभूमि हित अर्पण कीजै, कर्मवीर भस्महिं कर दीजै ||
 +
ऐसी विनय हमारी  भवभव, हरी, मातु हमारी हो, आरती करूं सरस्वती मातु |
 +
</poem></span></blockquote>
 +
  
 
{{seealso|सरस्वती देवी|सरस्वती प्रार्थना|सरस्वती चालीसा}}
 
{{seealso|सरस्वती देवी|सरस्वती प्रार्थना|सरस्वती चालीसा}}
 +
{{प्रचार}}
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{आरती स्तुति स्त्रोत}}
+
{{आरती स्तुति स्तोत्र}}
[[Category:आरती_स्तुति_स्त्रोत]]
+
[[Category:आरती स्तुति स्तोत्र]]
[[Category:हिन्दू धर्म कोश]]
+
[[Category:हिन्दू धर्म]] [[Category:हिन्दू धर्म कोश]][[Category:धर्म कोश]]  
 
__INDEX__
 
__INDEX__

12:15, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

कज्जल पुरित लोचन भारे, स्तन युग शोभित मुक्त हारे |
वीणा पुस्तक रंजित हस्ते, भगवती भारती देवी नमस्ते ॥

जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....

चंद्रवदनि पदमासिनी घुति मंगलकारी |
सोहें शुभ हंस सवारी अतुल तेजधारी ॥ जय.....

बायेँ कर में वीणा दायें कर में माला |
शीश मुकुट मणी सोहें गल मोतियन माला ॥ जय.....

देवी शरण जो आयें उनका उद्धार किया |
पैठी मंथरा दासी रावण संहार किया ॥ जय.....

विद्या ज्ञान प्रदायिनी ज्ञान प्रकाश भरो |
मोह और अज्ञान तिमिर का जग से नाश करो ॥ जय.....

धुप दिप फल मेवा माँ स्वीकार करो |
ज्ञानचक्षु दे माता भव से उद्धार करो ॥ जय.....

माँ सरस्वती जी की आरती जो कोई नर गावें |
हितकारी सुखकारी ग्यान भक्ती पावें ॥ जय.....

जय सरस्वती माता जय जय हे सरस्वती माता |
सदगुण वैभव शालिनी त्रिभुवन विख्याता ॥ जय.....


आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो |
हंस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा |
रावण का मन कैसे फेर, वर मागंत वन गया सबेरा |
यह सब कृपा तिहरी, उपकारी हो मातु हमारी हो |
तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो, हम आम्बुजन विकास करती हो |
मंगल भवन मातु सरस्वती हो, बहुमूकन वाचल करती हो |
विद्या देने वाली वीण, धारी हो मातु हमारी ||
तुम्हारी कृपा गणनायक, लायक, विष्णु भये जग के पालक |
अम्बा कहाई सृष्टी की कारण, भये शम्भु संसार ही घालक ||
बंदौं आदि भवानी जग, सुखकारी हो मातु हमारी |
सद्र्बुद्धि विधाबल मोहि, दीजै, तुम अज्ञान हटा कर लीजै ||
जन्मभूति हित अर्पण कीजौ, कर्मवीर भस्महिं कर लीजौ ||
जन्मभूमि हित अर्पण कीजै, कर्मवीर भस्महिं कर दीजै ||
ऐसी विनय हमारी भवभव, हरी, मातु हमारी हो, आरती करूं सरस्वती मातु |


इन्हें भी देखें: सरस्वती देवी, सरस्वती प्रार्थना एवं सरस्वती चालीसा

संबंधित लेख