"साँचा:एक व्यक्तित्व" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 6: पंक्ति 6:
 
|-
 
|-
 
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
 
{{मुखपृष्ठ-{{CURRENTHOUR}}}}
[[चित्र:Pradeep.jpg|right|100px|link=कवि प्रदीप|border]]
+
[[चित्र:Lala-Lajpat-Rai.jpg|right|100px|link=लाला लाजपत राय|border]]
 
<poem>
 
<poem>
         '''[[कवि प्रदीप]]''' का मूल नाम 'रामचंद्र नारायण द्विवेदी' था। कवि सम्मेलनों में [[सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला']] जैसे महान साहित्यकार को प्रभावित कर सकने की क्षमता रामचंद्र द्विवेदी में थी। उन्हीं के आशीर्वाद से रामचंद्र 'प्रदीप' कहलाने लगे। कवि प्रदीप '[[ऐ मेरे वतन के लोगों]]' सरीखे देशभक्ति गीतों के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने [[1962]] के '[[भारत-चीन युद्ध (1962)|भारत-चीन युद्ध]]' के दौरान शहीद हुए सैनिकों की श्रद्धांजलि में ये गीत लिखा था। [[लता मंगेशकर]] द्वारा गाए इस गीत का तत्कालीन [[प्रधानमंत्री]] [[जवाहरलाल नेहरू|पंडित जवाहरलाल नेहरू]] की उपस्थिति में [[26 जनवरी]], [[1963]] को [[दिल्ली]] के रामलीला मैदान से सीधा प्रसारण किया गया था। कवि प्रदीप अपनी रचनाएं गाकर ही सुनाते थे और उनकी मधुर आवाज़ का सदुपयोग अनेक संगीत निर्देशकों ने अलग-अलग समय पर किया। [[कवि प्रदीप|... और पढ़ें]]
+
         '''[[लाला लाजपत राय]]''' को [[भारत]] के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता है। लालाजी [[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस]] के [[गरम दल]] के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर [[हिसार]] में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में [[दयानंद सरस्वती|स्वामी दयानंद]] के सम्पर्क में आने के कारण वे [[आर्य समाज]] के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। लालाजी ने [[कृष्ण|भगवान श्रीकृष्ण]], [[अशोक]], [[शिवाजी]], [[दयानंद सरस्वती|स्वामी दयानंद सरस्वती]], [[पण्डित गुरुदत्त विद्यार्थी]], मेत्सिनी और गैरीबाल्डी की संक्षिप्त जीवनियाँ भी लिखीं। 'नेशनल एजुकेशन', 'अनहैप्पी इंडिया' और 'द स्टोरी ऑफ़ माई डिपोर्डेशन' उनकी अन्य महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं।  [[लाला लाजपत राय|... और पढ़ें]]
 
</poem>
 
</poem>
 
----
 
----
पंक्ति 15: पंक्ति 15:
 
|-
 
|-
 
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
 
| [[एक व्यक्तित्व|पिछले लेख]] →
 +
| [[कवि प्रदीप]] ·
 
| [[गजानन माधव 'मुक्तिबोध'|मुक्तिबोध]] ·
 
| [[गजानन माधव 'मुक्तिबोध'|मुक्तिबोध]] ·
 
| [[मोहन राकेश]] ·
 
| [[मोहन राकेश]] ·
| [[जयशंकर प्रसाद]] ·
+
| [[जयशंकर प्रसाद]]  
| [[रामधारी सिंह 'दिनकर']]  
 
 
|}</center>
 
|}</center>
 
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>
 
|}<noinclude>[[Category:एक व्यक्तित्व के साँचे]]</noinclude>

07:56, 22 मई 2015 का अवतरण

एक व्यक्तित्व
Lala-Lajpat-Rai.jpg

        लाला लाजपत राय को भारत के महान क्रांतिकारियों में गिना जाता है। आजीवन ब्रिटिश राजशक्ति का सामना करते हुए अपने प्राणों की परवाह न करने वाले लाला लाजपत राय को 'पंजाब केसरी' भी कहा जाता है। लालाजी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के गरम दल के प्रमुख नेता तथा पूरे पंजाब के प्रतिनिधि थे। उन्हें 'पंजाब के शेर' की उपाधि भी मिली थी। उन्होंने क़ानून की शिक्षा प्राप्त कर हिसार में वकालत प्रारम्भ की थी, किन्तु बाद में स्वामी दयानंद के सम्पर्क में आने के कारण वे आर्य समाज के प्रबल समर्थक बन गये। यहीं से उनमें उग्र राष्ट्रीयता की भावना जागृत हुई। लालाजी ने भगवान श्रीकृष्ण, अशोक, शिवाजी, स्वामी दयानंद सरस्वती, पण्डित गुरुदत्त विद्यार्थी, मेत्सिनी और गैरीबाल्डी की संक्षिप्त जीवनियाँ भी लिखीं। 'नेशनल एजुकेशन', 'अनहैप्पी इंडिया' और 'द स्टोरी ऑफ़ माई डिपोर्डेशन' उनकी अन्य महत्त्वपूर्ण रचनाएँ हैं। ... और पढ़ें


पिछले लेख कवि प्रदीप · मुक्तिबोध · मोहन राकेश · जयशंकर प्रसाद