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'''ताकला माकन रेगिस्तान''' पश्चिमी [[चीन]] के जिनजियांग प्रांत में स्थित हैं। यह चीन का सबसे विशाल रेगिस्तान है, जो अत्यधिक शुष्क होने के साथ-साथ सर्वाधिक गर्म भी है। इस क्षेत्र में [[नमक]] एक बड़े क्षेत्र में मिलता है। ताकला माकन रेगिस्तान में पाये जाने वाले रेत के टीले अस्थाई होते हैं। यहाँ वनस्पति बहुत ही कम मात्रा में उगती है।  
 
'''ताकला माकन रेगिस्तान''' पश्चिमी [[चीन]] के जिनजियांग प्रांत में स्थित हैं। यह चीन का सबसे विशाल रेगिस्तान है, जो अत्यधिक शुष्क होने के साथ-साथ सर्वाधिक गर्म भी है। इस क्षेत्र में [[नमक]] एक बड़े क्षेत्र में मिलता है। ताकला माकन रेगिस्तान में पाये जाने वाले रेत के टीले अस्थाई होते हैं। यहाँ वनस्पति बहुत ही कम मात्रा में उगती है।  
 
==भौगोलिक संरचना==
 
==भौगोलिक संरचना==
ताकला माकन रेगिस्तान का अर्थ है- 'जहाँ से वापसी असंभव है'। यह क्षेत्र शुष्क पथरीले समतल और अस्थाई रेतीले टीलों से बना हुआ है। यहाँ विश्व के सर्वाधिक अस्थाई रेतीले टीले मौजूद होते हैं। जिनकी स्थिति समय-समय पर वायु के बहने की दिशा के अनुसार बदलती रहती है। इस रेगिस्तान में करीब 85 प्रतिशत भाग पर बालू के टीले हैं, जहाँ बहुत ही कम संख्या में या न के बराबर वनस्पतियाँ उगती हैं। इस रेगिस्तान का क्षेत्रफल 3,27,000 वर्ग किलोमीटर है। रेगिस्तान में वार्षिक [[वर्षा]] का औसत 40 से 100 मि.मी. है। बर्फ से आच्छादित पहाडि़यों की जब बर्फ पिघलती है, तब यहाँ से प्राप्त पानी से अनेक नदियाँ इस रेगिस्तान से होकर गुजरती हैं।
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ताकला माकन रेगिस्तान का अर्थ है- 'जहाँ से वापसी असंभव है'। यह क्षेत्र शुष्क पथरीले समतल और अस्थाई रेतीले टीलों से बना हुआ है। यहाँ विश्व के सर्वाधिक अस्थाई रेतीले टीले मौजूद होते हैं। जिनकी स्थिति समय-समय पर वायु के बहने की दिशा के अनुसार बदलती रहती है। इस रेगिस्तान में क़रीब 85 प्रतिशत भाग पर बालू के टीले हैं, जहाँ बहुत ही कम संख्या में या न के बराबर वनस्पतियाँ उगती हैं। इस रेगिस्तान का क्षेत्रफल 3,27,000 वर्ग किलोमीटर है। रेगिस्तान में वार्षिक [[वर्षा]] का औसत 40 से 100 मि.मी. है। बर्फ से आच्छादित पहाडि़यों की जब बर्फ पिघलती है, तब यहाँ से प्राप्त पानी से अनेक नदियाँ इस रेगिस्तान से होकर गुजरती हैं।
 
====प्राकृतिक गतिविधियाँ====
 
====प्राकृतिक गतिविधियाँ====
 
इस रेगिस्तान में कुनलुम पर्वत और [[तिब्बत]] के पठार से लेकर दक्षिण में और उत्तर में टाईन शान के मध्य विस्तृत रेगिस्तान टारिम द्रोणि को भरता है। यह सागरों से [[पृथ्वी]] के अन्य किसी स्थान से अपेक्षाकृत अधिक दूर स्थित हैं। यह रेगिस्तान प्राय: [[एशिया]] के मानसून से अप्रभावित रहता है। उत्तर से आने वाले आर्कटिक तूफानों को भी इस रेगिस्तान को घेरे हुए [[पर्वत]] रोक लेते हैं। इस क्षेत्र में नालियों की कमी होने से [[जल]] निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिस कारण यहाँ नमक बहुत विशाल क्षेत्र में मिलता है।<ref>{{cite web |url=http://rajgkbook.blogspot.in/2012/03/blog-post_17.html |title=संसार के विशाल रेगिस्तान|accessmonthday=15 जुलाई|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल.|publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>
 
इस रेगिस्तान में कुनलुम पर्वत और [[तिब्बत]] के पठार से लेकर दक्षिण में और उत्तर में टाईन शान के मध्य विस्तृत रेगिस्तान टारिम द्रोणि को भरता है। यह सागरों से [[पृथ्वी]] के अन्य किसी स्थान से अपेक्षाकृत अधिक दूर स्थित हैं। यह रेगिस्तान प्राय: [[एशिया]] के मानसून से अप्रभावित रहता है। उत्तर से आने वाले आर्कटिक तूफानों को भी इस रेगिस्तान को घेरे हुए [[पर्वत]] रोक लेते हैं। इस क्षेत्र में नालियों की कमी होने से [[जल]] निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिस कारण यहाँ नमक बहुत विशाल क्षेत्र में मिलता है।<ref>{{cite web |url=http://rajgkbook.blogspot.in/2012/03/blog-post_17.html |title=संसार के विशाल रेगिस्तान|accessmonthday=15 जुलाई|accessyear=2012|last= |first= |authorlink= |format=एच.टी.एम.एल.|publisher= |language=[[हिन्दी]]}}</ref>

14:15, 24 नवम्बर 2012 के समय का अवतरण

ताकला माकन रेगिस्तान
ताकला माकन रेगिस्तान

ताकला माकन रेगिस्तान पश्चिमी चीन के जिनजियांग प्रांत में स्थित हैं। यह चीन का सबसे विशाल रेगिस्तान है, जो अत्यधिक शुष्क होने के साथ-साथ सर्वाधिक गर्म भी है। इस क्षेत्र में नमक एक बड़े क्षेत्र में मिलता है। ताकला माकन रेगिस्तान में पाये जाने वाले रेत के टीले अस्थाई होते हैं। यहाँ वनस्पति बहुत ही कम मात्रा में उगती है।

भौगोलिक संरचना

ताकला माकन रेगिस्तान का अर्थ है- 'जहाँ से वापसी असंभव है'। यह क्षेत्र शुष्क पथरीले समतल और अस्थाई रेतीले टीलों से बना हुआ है। यहाँ विश्व के सर्वाधिक अस्थाई रेतीले टीले मौजूद होते हैं। जिनकी स्थिति समय-समय पर वायु के बहने की दिशा के अनुसार बदलती रहती है। इस रेगिस्तान में क़रीब 85 प्रतिशत भाग पर बालू के टीले हैं, जहाँ बहुत ही कम संख्या में या न के बराबर वनस्पतियाँ उगती हैं। इस रेगिस्तान का क्षेत्रफल 3,27,000 वर्ग किलोमीटर है। रेगिस्तान में वार्षिक वर्षा का औसत 40 से 100 मि.मी. है। बर्फ से आच्छादित पहाडि़यों की जब बर्फ पिघलती है, तब यहाँ से प्राप्त पानी से अनेक नदियाँ इस रेगिस्तान से होकर गुजरती हैं।

प्राकृतिक गतिविधियाँ

इस रेगिस्तान में कुनलुम पर्वत और तिब्बत के पठार से लेकर दक्षिण में और उत्तर में टाईन शान के मध्य विस्तृत रेगिस्तान टारिम द्रोणि को भरता है। यह सागरों से पृथ्वी के अन्य किसी स्थान से अपेक्षाकृत अधिक दूर स्थित हैं। यह रेगिस्तान प्राय: एशिया के मानसून से अप्रभावित रहता है। उत्तर से आने वाले आर्कटिक तूफानों को भी इस रेगिस्तान को घेरे हुए पर्वत रोक लेते हैं। इस क्षेत्र में नालियों की कमी होने से जल निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है, जिस कारण यहाँ नमक बहुत विशाल क्षेत्र में मिलता है।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संसार के विशाल रेगिस्तान (हिन्दी) (एच.टी.एम.एल.)। । अभिगमन तिथि: 15 जुलाई, 2012।

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