"कल्कि अवतार" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
|||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{पात्र परिचय | |
− | + | |चित्र=Kalki.jpg | |
− | *इसके अनुसार विष्णु का 'कल्कि' अवतार कलियुग के अन्त में होगा। कल्कि रूप में अवतरित होकर विष्णु 'कलि' का संहार कर [[सत युग]] का आविर्भाव करेंगे। | + | |चित्र का नाम=कल्कि का अवतार ताम्रचित्र |
+ | |अन्य नाम= | ||
+ | |अवतार=[[विष्णु|भगवान विष्णु]] के [[अवतार|दस अवतारों]] में अंतिम अवतार | ||
+ | |वंश-गोत्र= | ||
+ | |कुल= | ||
+ | |पिता= | ||
+ | |माता= | ||
+ | |धर्म पिता= | ||
+ | |धर्म माता= | ||
+ | |पालक पिता= | ||
+ | |पालक माता= | ||
+ | |जन्म विवरण= | ||
+ | |समय-काल= | ||
+ | |धर्म-संप्रदाय=[[हिंदू धर्म]] | ||
+ | |परिजन= | ||
+ | |गुरु= | ||
+ | |विवाह= | ||
+ | |संतान= | ||
+ | |विद्या पारंगत= | ||
+ | |रचनाएँ= | ||
+ | |महाजनपद= | ||
+ | |शासन-राज्य= | ||
+ | |मंत्र= | ||
+ | |वाहन= | ||
+ | |प्रसाद= | ||
+ | |प्रसिद्ध मंदिर | ||
+ | |व्रत-वार= | ||
+ | |पर्व-त्योहार= | ||
+ | |श्रृंगार= | ||
+ | |अस्त्र-शस्त्र= | ||
+ | |निवास= | ||
+ | |ध्वज= | ||
+ | |रंग-रूप= | ||
+ | |पूजन सामग्री= | ||
+ | |वाद्य= | ||
+ | |सिंहासन= | ||
+ | |प्राकृतिक स्वरूप= | ||
+ | |प्रिय सहचर= | ||
+ | |अनुचर= | ||
+ | |शत्रु-संहार= | ||
+ | |संदर्भ ग्रंथ= | ||
+ | |प्रसिद्ध घटनाएँ= | ||
+ | |अन्य विवरण=धर्म ग्रंथों के अनुसार 'कल्कि अवतार' अभी प्रकट होने वाला है। | ||
+ | |मृत्यु= | ||
+ | |यशकीर्ति= | ||
+ | |अपकीर्ति= | ||
+ | |संबंधित लेख= | ||
+ | |शीर्षक 1= | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी= | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | '''कल्कि अवतार''' भगवान [[विष्णु]] का अन्तिम [[अवतार]] माना जाता है। इसके अतिरिक्त इसी आधार पर 'कल्कि पुराण' का भी नामकरण हुआ है। | ||
+ | *इसके अनुसार विष्णु का 'कल्कि' अवतार [[कलियुग]] के अन्त में होगा। कल्कि रूप में अवतरित होकर विष्णु 'कलि' का संहार कर [[सत युग]] का आविर्भाव करेंगे। | ||
*इनके साथ ही पद्या रूप में [[महालक्ष्मी देवी|लक्ष्मी]] भी अवतार लेंगी। कल्कि इनका पाणिग्रहण करेंगे। | *इनके साथ ही पद्या रूप में [[महालक्ष्मी देवी|लक्ष्मी]] भी अवतार लेंगी। कल्कि इनका पाणिग्रहण करेंगे। | ||
*इसके बाद [[विश्वकर्मा]] द्वारा निर्मित 'शंभल' नगर में ये वास करेंगे। | *इसके बाद [[विश्वकर्मा]] द्वारा निर्मित 'शंभल' नगर में ये वास करेंगे। | ||
*वहीं [[बौद्ध|बौद्धों]] का दमन तथा कुथोदर नामक राक्षसी का वध करेंगे। इसके उपरान्त 'मल्लाह' नामक राजा की मुक्ति होगी। | *वहीं [[बौद्ध|बौद्धों]] का दमन तथा कुथोदर नामक राक्षसी का वध करेंगे। इसके उपरान्त 'मल्लाह' नामक राजा की मुक्ति होगी। | ||
− | *इसके उपरान्त भूलोक के समस्त अत्याचारों के विनाश के बाद सतयुग का आविर्भाव होगा। भूतल पर देव तथा गन्धर्व आदि प्रकट होंगे। अन्त में कल्कि भगवान वैकुण्ठ लौट जायेंगे। | + | *इसके उपरान्त भूलोक के समस्त अत्याचारों के विनाश के बाद [[सतयुग]] का आविर्भाव होगा। भूतल पर देव तथा गन्धर्व आदि प्रकट होंगे। अन्त में कल्कि भगवान वैकुण्ठ लौट जायेंगे। |
− | + | {{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }} | |
− | {{लेख प्रगति | ||
− | |आधार= | ||
− | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
− | |माध्यमिक= | ||
− | |पूर्णता= | ||
− | |शोध= | ||
− | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
− | {{हिन्दू देवी देवता और अवतार}} | + | {{हिन्दू देवी देवता और अवतार}}{{दशावतार}}{{दशावतार2}} |
− | {{दशावतार}} | + | |
− | {{दशावतार2}} | ||
[[Category:कथा साहित्य कोश]] | [[Category:कथा साहित्य कोश]] | ||
− | [[Category:कथा साहित्य]] | + | [[Category:कथा साहित्य]][[Category:हिन्दू धर्म]][[Category:हिन्दू धर्म कोश]] |
[[Category:हिन्दू भगवान अवतार]] | [[Category:हिन्दू भगवान अवतार]] | ||
__INDEX__ | __INDEX__ |
13:39, 23 मई 2013 का अवतरण
कल्कि अवतार
| |
अवतार | भगवान विष्णु के दस अवतारों में अंतिम अवतार |
धर्म-संप्रदाय | हिंदू धर्म |
अन्य विवरण | धर्म ग्रंथों के अनुसार 'कल्कि अवतार' अभी प्रकट होने वाला है। |
कल्कि अवतार भगवान विष्णु का अन्तिम अवतार माना जाता है। इसके अतिरिक्त इसी आधार पर 'कल्कि पुराण' का भी नामकरण हुआ है।
- इसके अनुसार विष्णु का 'कल्कि' अवतार कलियुग के अन्त में होगा। कल्कि रूप में अवतरित होकर विष्णु 'कलि' का संहार कर सत युग का आविर्भाव करेंगे।
- इनके साथ ही पद्या रूप में लक्ष्मी भी अवतार लेंगी। कल्कि इनका पाणिग्रहण करेंगे।
- इसके बाद विश्वकर्मा द्वारा निर्मित 'शंभल' नगर में ये वास करेंगे।
- वहीं बौद्धों का दमन तथा कुथोदर नामक राक्षसी का वध करेंगे। इसके उपरान्त 'मल्लाह' नामक राजा की मुक्ति होगी।
- इसके उपरान्त भूलोक के समस्त अत्याचारों के विनाश के बाद सतयुग का आविर्भाव होगा। भूतल पर देव तथा गन्धर्व आदि प्रकट होंगे। अन्त में कल्कि भगवान वैकुण्ठ लौट जायेंगे।
|
|
|
|
|