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'''अवरोहणम्''' (नपुंसक लिंग) [अव+रुह्+ल्युट्]  
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'''अवरोहः''' ([[पुल्लिंग]]) [अव+रुह्+घञ्]  
  
1. उतरना, नीचे आना
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1. उतार
  
2. चढ़ना<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=121|url=|ISBN=}}</ref>
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2. नीचे से चोटी तक वृक्ष के ऊपर लिपटने वाली लता
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3. आकाश
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4. लटकती हुई शाखा (जैसे बड़ की)-अवरोहशताकीर्ण वटमासाद्य तस्थतुः<ref>-रामा. 5</ref> ([[संगीत]] में) स्वरों का ऊपर से नीचे आना।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=121|url=|ISBN=}}</ref>
  
  

11:48, 17 मई 2024 का अवतरण

अवरोहः (पुल्लिंग) [अव+रुह्+घञ्]

1. उतार

2. नीचे से चोटी तक वृक्ष के ऊपर लिपटने वाली लता

3. आकाश

4. लटकती हुई शाखा (जैसे बड़ की)-अवरोहशताकीर्ण वटमासाद्य तस्थतुः[1] (संगीत में) स्वरों का ऊपर से नीचे आना।[2]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. -रामा. 5
  2. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 121 |

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