एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

"एण्टियोकस तृतीय" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 3 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
*[[बैक्ट्रिया]] और [[पार्थिया]] की स्वतंत्रता के कारण सीरियन साम्राज्य की शक्ति बहुत क्षीण हो गई थी।  
 
*[[बैक्ट्रिया]] और [[पार्थिया]] की स्वतंत्रता के कारण सीरियन साम्राज्य की शक्ति बहुत क्षीण हो गई थी।  
 
*223 ई. पू. में सीरिया के राजसिंहासन पर सम्राट एण्टियोकस तृतीय आरूढ़ हुआ।  
 
*223 ई. पू. में सीरिया के राजसिंहासन पर सम्राट एण्टियोकस तृतीय आरूढ़ हुआ।  
*एण्टियोकस तृतीय बड़ा ही महत्वाकांक्षी था, और उसने अपने वंश के लुप्त गौरव के पुनरुद्धार का प्रयत्न किया।  
+
*एण्टियोकस तृतीय बड़ा ही महत्त्वाकांक्षी था, और उसने अपने वंश के लुप्त गौरव के पुनरुद्धार का प्रयत्न किया।  
 
*पार्थिया पर आक्रमण कर उसने उसे जीतने का प्रयत्न किया, पर वह सफल नहीं हो पाया।  
 
*पार्थिया पर आक्रमण कर उसने उसे जीतने का प्रयत्न किया, पर वह सफल नहीं हो पाया।  
 
*पार्थियन राजा अरसक तृतीय को परास्त कर सकने में असफल होकर एण्टियोकस ने उसके साथ सन्धि कर ली, और फिर बैक्ट्रिया पर आक्रमण किया।  
 
*पार्थियन राजा अरसक तृतीय को परास्त कर सकने में असफल होकर एण्टियोकस ने उसके साथ सन्धि कर ली, और फिर बैक्ट्रिया पर आक्रमण किया।  
पंक्ति 7: पंक्ति 7:
 
*दो वर्ष वह निरन्तर एण्टियोकस के साथ युद्ध करता रहा, और सीरियन सम्राट उसे परास्त करने में असफल रहा। अन्त में विवश होकर एण्टियोकस ने युथिडिमास के साथ भी सन्धि कर ली, और सन्धि को स्थिर करने के लिए अपनी पुत्री का विवाह बैक्ट्रियन राजा के पुत्र [[डेमेट्रियस]] (दिमित्र) के साथ कर दिया।  
 
*दो वर्ष वह निरन्तर एण्टियोकस के साथ युद्ध करता रहा, और सीरियन सम्राट उसे परास्त करने में असफल रहा। अन्त में विवश होकर एण्टियोकस ने युथिडिमास के साथ भी सन्धि कर ली, और सन्धि को स्थिर करने के लिए अपनी पुत्री का विवाह बैक्ट्रियन राजा के पुत्र [[डेमेट्रियस]] (दिमित्र) के साथ कर दिया।  
 
*पार्थिया और बैक्ट्रिया के साथ सन्धि कर एण्टियोकस तृतीय ने [[भारत]] पर आक्रमण किया।  
 
*पार्थिया और बैक्ट्रिया के साथ सन्धि कर एण्टियोकस तृतीय ने [[भारत]] पर आक्रमण किया।  
 
+
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}  
{{लेख प्रगति  
 
|आधार=आधार1
 
|प्रारम्भिक=
 
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{यवन शासक}}
 
{{यवन शासक}}
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
+
 
<references/>
 
 
[[Category:इतिहास_कोश]]
 
[[Category:इतिहास_कोश]]
 
[[Category:विदेशी_आक्रमणकारी]]
 
[[Category:विदेशी_आक्रमणकारी]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

11:17, 8 अगस्त 2012 के समय का अवतरण

  • बैक्ट्रिया और पार्थिया की स्वतंत्रता के कारण सीरियन साम्राज्य की शक्ति बहुत क्षीण हो गई थी।
  • 223 ई. पू. में सीरिया के राजसिंहासन पर सम्राट एण्टियोकस तृतीय आरूढ़ हुआ।
  • एण्टियोकस तृतीय बड़ा ही महत्त्वाकांक्षी था, और उसने अपने वंश के लुप्त गौरव के पुनरुद्धार का प्रयत्न किया।
  • पार्थिया पर आक्रमण कर उसने उसे जीतने का प्रयत्न किया, पर वह सफल नहीं हो पाया।
  • पार्थियन राजा अरसक तृतीय को परास्त कर सकने में असफल होकर एण्टियोकस ने उसके साथ सन्धि कर ली, और फिर बैक्ट्रिया पर आक्रमण किया।
  • इस समय बैक्ट्रिया की राजगद्दी पर युथिडिमास विराजमान था, जो बड़ा वीर और शक्तिशाली राजा था।
  • दो वर्ष वह निरन्तर एण्टियोकस के साथ युद्ध करता रहा, और सीरियन सम्राट उसे परास्त करने में असफल रहा। अन्त में विवश होकर एण्टियोकस ने युथिडिमास के साथ भी सन्धि कर ली, और सन्धि को स्थिर करने के लिए अपनी पुत्री का विवाह बैक्ट्रियन राजा के पुत्र डेमेट्रियस (दिमित्र) के साथ कर दिया।
  • पार्थिया और बैक्ट्रिया के साथ सन्धि कर एण्टियोकस तृतीय ने भारत पर आक्रमण किया।
पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख