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||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|150px|right|हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]'हज़ारी प्रसाद द्विवेदी' [[हिन्दी]] के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक थे। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, [[उपन्यासकार]], आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता थे। [[साहित्य]] के इन सभी क्षेत्रों में [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] अपनी प्रतिभा और विशिष्ट कर्तव्य के कारण विशेष यश के भागी हुए। उनके निर्बन्ध [[निबन्ध]] हिन्दी निबन्ध साहित्य की मूल्यवान उपलब्धि हैं। द्विवेदी जी के व्यक्तित्व में विद्वत्ता और सरसता का, पाण्डित्य और विदग्धता का, गम्भीरता और विनोदमयता का, प्राचीनता और नवीनता का जो अदभुत संयोग मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। अपने निबन्धों में वे बहुत ही सहज ढंग से, अनौपचारिक रूप में, 'नाख़ून क्यों बढ़ते हैं', 'आम फिर बौरा गए', 'अशोक के फूल', 'एक कुत्ता और एक मैना', 'कुटज' आदि की चर्चा करते हैं, जिससे पाठकों का अनुकूल्य प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती।
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||[[चित्र:Hazari Prasad Dwivedi.JPG|100px|right|हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]]'हज़ारी प्रसाद द्विवेदी' [[हिन्दी]] के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक थे। वे उच्चकोटि के निबन्धकार, [[उपन्यासकार]], आलोचक, चिन्तक तथा शोधकर्ता थे। [[साहित्य]] के इन सभी क्षेत्रों में [[हज़ारी प्रसाद द्विवेदी]] अपनी प्रतिभा और विशिष्ट कर्तव्य के कारण विशेष यश के भागी हुए। उनके निर्बन्ध [[निबन्ध]] हिन्दी निबन्ध साहित्य की मूल्यवान उपलब्धि हैं। द्विवेदी जी के व्यक्तित्व में विद्वत्ता और सरसता का, पाण्डित्य और विदग्धता का, गम्भीरता और विनोदमयता का, प्राचीनता और नवीनता का जो अदभुत संयोग मिलता है, वह अन्यत्र दुर्लभ है। अपने निबन्धों में वे बहुत ही सहज ढंग से, अनौपचारिक रूप में, 'नाख़ून क्यों बढ़ते हैं', 'आम फिर बौरा गए', 'अशोक के फूल', 'एक कुत्ता और एक मैना', 'कुटज' आदि की चर्चा करते हैं, जिससे पाठकों का अनुकूल्य प्राप्त करने में उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती।
 
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-[[भगत सिंह]]
 
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-[[लाला लाजपत राय]]
 
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||[[चित्र:Subhash-Chandra-Bose-2.jpg|150px|right|सुभाष चंद्र बोस]]'सुभाष चंद्र बोस' के अतिरिक्त [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ, जो एक साथ महान् सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला रहा हो। [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए [[सुभाष चंद्र बोस]] ने क़रीब-क़रीब पूरे [[यूरोप]] में अलख जगाया। वे प्रकृति से साधु, ईश्वर भक्त तथा तन-मन से देश प्रेमी थे। [[महात्मा गाँधी]] के '[[नमक सत्याग्रह]]' को 'नेपोलियन की पेरिस यात्रा' की संज्ञा देने वाले सुभाष चंद्र बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी भी स्वार्थों ने नहीं रोका, जिसके पाँव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी। गाँधी जी और सुभाष चंद्र बोस के विचार भिन्न-भिन्न थे, लेकिन वे अच्छी तरह जानते थे कि गाँधी जी और उनका मक़सद एक ही है, यानी देश की आज़ादी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभाष चंद्र बोस]]
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||[[चित्र:Subhash-Chandra-Bose-2.jpg|100px|right|सुभाष चंद्र बोस]]'सुभाष चंद्र बोस' के अतिरिक्त [[भारत का इतिहास|भारत के इतिहास]] में ऐसा कोई व्यक्तित्व नहीं हुआ, जो एक साथ महान् सेनापति, वीर सैनिक, राजनीति का अद्भुत खिलाड़ी और अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पुरुषों, नेताओं के समकक्ष साधिकार बैठकर कूटनीति तथा चर्चा करने वाला रहा हो। [[भारत]] की स्वतंत्रता के लिए [[सुभाष चंद्र बोस]] ने क़रीब-क़रीब पूरे [[यूरोप]] में अलख जगाया। वे प्रकृति से साधु, ईश्वर भक्त तथा तन-मन से देश प्रेमी थे। [[महात्मा गाँधी]] के '[[नमक सत्याग्रह]]' को 'नेपोलियन की पेरिस यात्रा' की संज्ञा देने वाले सुभाष चंद्र बोस का एक ऐसा व्यक्तित्व था, जिसका मार्ग कभी भी स्वार्थों ने नहीं रोका, जिसके पाँव लक्ष्य से पीछे नहीं हटे, जिसने जो भी स्वप्न देखे, उन्हें साधा और जिसमें सच्चाई के सामने खड़े होने की अद्भुत क्षमता थी। गाँधी जी और सुभाष चंद्र बोस के विचार भिन्न-भिन्न थे, लेकिन वे अच्छी तरह जानते थे कि गाँधी जी और उनका मक़सद एक ही है, यानी देश की आज़ादी।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सुभाष चंद्र बोस]]
  
 
{[[हिन्दू]] [[देवता]] [[कृष्ण]] को 'हेराक्लीज' किस [[विदेशी यात्री]] ने कहा?
 
{[[हिन्दू]] [[देवता]] [[कृष्ण]] को 'हेराक्लीज' किस [[विदेशी यात्री]] ने कहा?
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+[[बिपिन चन्द्र पाल]]
 
+[[बिपिन चन्द्र पाल]]
 
-[[करतार सिंह सराभा]]
 
-[[करतार सिंह सराभा]]
||[[चित्र:Bipin-chandra-pal.jpg|150px|right|बिपिन चन्द्र पाल]]'बिपिन चन्द्र पाल' का नाम [[भारत]] के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में लिया जाता है। भारत के [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन|स्वाधीनता संग्राम]] के इतिहास में उनका नाम 'क्रान्तिकारी विचारों के जनक' के रूप में आता है, जो [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की चूलें हिला देने वाली '[[लाला लाजपत राय|लाल]]', '[[बाल गंगाधर तिलक|बाल]]' 'पाल' तिकड़ी का एक हिस्सा थे। 'वंदे मातरम्' पत्रिका के संस्थापक रहे [[बिपिन चन्द्र पाल]] एक बड़े समाज सुधारक थे, जिन्होंने [[परिवार]] के विरोध के बावज़ूद एक विधवा से [[विवाह]] किया था। [[बाल गंगाधर तिलक]] की गिरफ़्तारी और [[1907]] में ब्रितानिया हुकूमत द्वारा चलाए गए दमन के समय पाल इंग्लैंण्ड गए। वह वहाँ क्रान्तिकारी विचारधारा वाले 'इंडिया हाउस' से जुड़ गए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिपिन चन्द्र पाल]]
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||[[चित्र:Bipin-chandra-pal.jpg|100px|right|बिपिन चन्द्र पाल]]'बिपिन चन्द्र पाल' का नाम [[भारत]] के प्रसिद्ध क्रांतिकारियों में लिया जाता है। भारत के [[भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन|स्वाधीनता संग्राम]] के इतिहास में उनका नाम 'क्रान्तिकारी विचारों के जनक' के रूप में आता है, जो [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] की चूलें हिला देने वाली '[[लाला लाजपत राय|लाल]]', '[[बाल गंगाधर तिलक|बाल]]' 'पाल' तिकड़ी का एक हिस्सा थे। 'वंदे मातरम्' पत्रिका के संस्थापक रहे [[बिपिन चन्द्र पाल]] एक बड़े समाज सुधारक थे, जिन्होंने [[परिवार]] के विरोध के बावज़ूद एक विधवा से [[विवाह]] किया था। [[बाल गंगाधर तिलक]] की गिरफ़्तारी और [[1907]] में ब्रितानिया हुकूमत द्वारा चलाए गए दमन के समय पाल इंग्लैंण्ड गए। वह वहाँ क्रान्तिकारी विचारधारा वाले 'इंडिया हाउस' से जुड़ गए थे।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[बिपिन चन्द्र पाल]]
  
 
{प्रसिद्ध पर्यटन स्थल "सहेलियों की बाड़ी" [[राजस्थान]] के किस शहर में स्थित है?
 
{प्रसिद्ध पर्यटन स्थल "सहेलियों की बाड़ी" [[राजस्थान]] के किस शहर में स्थित है?
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-[[जोधपुर]]
 
-[[जोधपुर]]
 
+[[उदयपुर]]
 
+[[उदयपुर]]
||[[चित्र:Saheliyon-Ki-Bari-Udaipur.jpg|150px|right|सहेलियों की बाड़ी, उदयपुर]]'सहेलियों की बाड़ी' [[भारत]] के प्रसिद्ध राज्य [[राजस्थान]] के ख़ूबसूरत शहर [[उदयपुर]] में स्थित एक शानदार बाग़ है। यह शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। [[सहेलियों की बाड़ी उदयपुर|सहेलियों की बाड़ी]] का निर्माण [[राणा संग्राम सिंह]] द्वारा शाही महिलाओं के लिए 18वीं सदी में करवाया गया था। इस उद्यान का मुख्य आकर्षण यहाँ के फ़व्वारे हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें [[इंग्लैण्ड]] से मंगवाया गया था। [[श्रावण|श्रावण मास]] की [[अमावस्या]] के अवसर पर इस बाड़ी में नगर निवासियों का एक बड़ा मेला भी लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सहेलियों की बाड़ी उदयपुर|सहेलियों की बाड़ी]]
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||[[चित्र:Saheliyon-Ki-Bari-Udaipur.jpg|100px|right|सहेलियों की बाड़ी, उदयपुर]]'सहेलियों की बाड़ी' [[भारत]] के प्रसिद्ध राज्य [[राजस्थान]] के ख़ूबसूरत शहर [[उदयपुर]] में स्थित एक शानदार बाग़ है। यह शहर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में गिना जाता है। [[सहेलियों की बाड़ी उदयपुर|सहेलियों की बाड़ी]] का निर्माण [[राणा संग्राम सिंह]] द्वारा शाही महिलाओं के लिए 18वीं सदी में करवाया गया था। इस उद्यान का मुख्य आकर्षण यहाँ के फ़व्वारे हैं, जिनके बारे में कहा जाता है कि इन्हें [[इंग्लैण्ड]] से मंगवाया गया था। [[श्रावण|श्रावण मास]] की [[अमावस्या]] के अवसर पर इस बाड़ी में नगर निवासियों का एक बड़ा मेला भी लगता है।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[सहेलियों की बाड़ी उदयपुर|सहेलियों की बाड़ी]]
  
 
{"वैद्यनाथ मिश्र" किस प्रसिद्ध लेखक और [[कवि]] का वास्तविक नाम है?
 
{"वैद्यनाथ मिश्र" किस प्रसिद्ध लेखक और [[कवि]] का वास्तविक नाम है?
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-[[हरिवंश राय बच्चन]]
 
-[[हरिवंश राय बच्चन]]
 
-[[बालकृष्ण शर्मा नवीन]]
 
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||[[चित्र:Nagarjun.jpg|150px|right|नागार्जुन]]'नागार्जुन' प्रगतिवादी विचारधारा के प्रसिद्ध लेखक और [[कवि]] थे। उन्होंने [[1945]] ई. के आसपास [[साहित्य]] सेवा के क्षेत्र में क़दम रखा। 'शून्यवाद' के रूप में [[नागार्जुन]] का नाम विशेष उल्लेखनीय है। नागार्जुन का असली नाम 'वैद्यनाथ मिश्र' था। [[हिन्दी साहित्य]] में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा [[मैथिली भाषा|मैथिली]] में 'यात्री' उपनाम से रचनाओं का सृजन किया। उनके गीतों में [[काव्य]] की पीड़ा जिस लयात्मकता के साथ व्यक्त हुई है, वह अन्यत्र कहीं नहीं दिखाई देती। आपने काव्य के साथ-साथ गद्य में भी लेखनी चलाई। आपके अनेक [[हिन्दी]] [[उपन्यास]], एक मैथिली उपन्यास तथा [[संस्कृत भाषा]] से हिन्दी में अनूदित [[ग्रंथ]] भी प्रकाशित हुए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नागार्जुन]]
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||[[चित्र:Nagarjun.jpg|100px|right|नागार्जुन]]'नागार्जुन' प्रगतिवादी विचारधारा के प्रसिद्ध लेखक और [[कवि]] थे। उन्होंने [[1945]] ई. के आसपास [[साहित्य]] सेवा के क्षेत्र में क़दम रखा। 'शून्यवाद' के रूप में [[नागार्जुन]] का नाम विशेष उल्लेखनीय है। नागार्जुन का असली नाम 'वैद्यनाथ मिश्र' था। [[हिन्दी साहित्य]] में उन्होंने 'नागार्जुन' तथा [[मैथिली भाषा|मैथिली]] में 'यात्री' उपनाम से रचनाओं का सृजन किया। उनके गीतों में [[काव्य]] की पीड़ा जिस लयात्मकता के साथ व्यक्त हुई है, वह अन्यत्र कहीं नहीं दिखाई देती। आपने काव्य के साथ-साथ गद्य में भी लेखनी चलाई। आपके अनेक [[हिन्दी]] [[उपन्यास]], एक मैथिली उपन्यास तथा [[संस्कृत भाषा]] से हिन्दी में अनूदित [[ग्रंथ]] भी प्रकाशित हुए।{{point}}अधिक जानकारी के लिए देखें:-[[नागार्जुन]]
  
 
{'[[अपभ्रंश]]' को 'पुरानी हिन्दी' किसने कहा है?
 
{'[[अपभ्रंश]]' को 'पुरानी हिन्दी' किसने कहा है?

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2 किस व्यक्ति ने गाँधी जी के 'नमक सत्याग्रह' की तुलना नेपोलियन की पेरिस यात्रा से की थी?

जवाहरलाल नेहरू
सुभाष चंद्र बोस
भगत सिंह
लाला लाजपत राय

4 स्वाधीनता संग्राम के इतिहास में किसे क्रान्तिकारी विचारों के जनक के रूप में जाना जाता है?

बाल गंगाधर तिलक
दादा भाई नौरोजी
बिपिन चन्द्र पाल
करतार सिंह सराभा

5 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल "सहेलियों की बाड़ी" राजस्थान के किस शहर में स्थित है?

जैसलमेर
बीकानेर
जोधपुर
उदयपुर

6 "वैद्यनाथ मिश्र" किस प्रसिद्ध लेखक और कवि का वास्तविक नाम है?

नागार्जुन
रामधारी सिंह 'दिनकर'
हरिवंश राय बच्चन
बालकृष्ण शर्मा नवीन

8 भारतीय संसद ने किस वर्ष सर्वाधिक अधिनियमों (कुल 117) को पारित किया था?

1971
1984
1976
1987

9 किस भारतीय राज्य में कोई भी जाति अनुसूचित श्रेणी में नहीं है?

नागालैंड
मणिपुर
दादरा एवं नागर हवेली
पांडिचेरी

10 महाभारत के अनुसार पांडु के पुत्र अर्जुन को 'पार्थ' क्यों कहा जाता था?

अर्जुन द्वारा पृथ्वी पर सोने के कारण।
पृथा (कुन्ती) का पुत्र होने के कारण।
पृथ्वी के अनेक राजाओं को जीतने के कारण।
पृथ्वी से स्वर्ग की यात्रा करने के कारण।

12

"रहिमन जो गति दीप की, कुल कपूत गति सोय।
बारे उजियारै लगै, बढ़ै अंधेरो होय॥"

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

उपमा
रूपक
यमक
श्लेष

13 'माघ बिहू' और 'रंगाली बिहू' पर्व किस राज्य में प्रधानता से मनाये जाते हैं?

पश्चिम बंगाल
गुजरात
असम
राजस्थान

14 अमरकंटक में कौन-सी नदी का उद्गम होता है?

गंगा
यमुना
नर्मदा
दामोदर

15 केंद्र में पहली बार किसने अल्पमत की सरकार का गठन किया था?

चरण सिंह (1979)
विश्वनाथ प्रताप सिंह (1989)
चन्द्रशेखर (1990)
पी. वी. नरसिंहराव (1991)

16 भारत का सबसे बड़ा व्यावसायिक बैंक कौन-सा है?

यूनाइटेड कॉमर्शियल बैंक
पंजाब नेशनल बैंक
भारतीय स्टेट बैंक
बैंक ऑफ़ बड़ौदा

18 जैन धर्म में 'पूर्णज्ञान' के लिए क्या शब्द है?

जिन
रत्न
कैवल्य
निर्वाण

दस अक्षौहिणी
ग्यारह अक्षौहिणी
सात अक्षौहिणी
नौ अक्षौहिणी

20 भारत में 'वृक्षारोपण उत्सव' जिसे ‘वन महोत्सव’ के नाम से जाना जाता है, के जन्मदाता कौन थे?

महात्मा गाँधी
के. एम. मुंशी
विनोबा भावे
जवाहरलाल नेहरू

22 'बीसीजी' (BCG) का टीका किस रोग के विरुद्ध प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न करने के लिए उपयुक्त है?

चेचक
पोलियो
तपेदिक
डेंगू

23 शरन रानी को किस क्षेत्र में ख्याति प्राप्त है?

साहित्य
चित्रकला
संगीत
नृत्य

24 सन 1920 में ‘अहमदाबाद टेक्सटाइल लेबर एसोसिएशन’ की स्थापना किसने की थी?

महात्मा हंसराज
एन. एम. जोशी
वी. वी. गिरि
मोहनदास करमचंद गाँधी

25 मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में भारत का राष्ट्रपति किसके समक्ष शपथ लेता है?

उपराष्ट्रपति
महान्यायवादी
लोकसभाध्यक्ष
सर्वोच्च न्यायालय का वरिष्ठ न्यायाधीश

27 हरिद्वार में वैदिक धर्म तथा भारतीयता की शिक्षा देने वाले संस्थान 'गुरुकुल' की स्थापना किसने की थी?

महात्मा गाँधी
मदनमोहन मालवीय
लाला लाजपत राय
स्वामी श्रद्धानंद

29 ‘सम्मुख’ का विलोम शब्द क्या है?

उन्मुख
विमुख
प्रमुख
अधिमुख



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टीका-टिप्पणी और संदर्भ

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