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'''पाताल भुवनेश्वर''' [[पिथौरागढ़]] जनपद [[उत्तराखंड]] राज्य का प्रमुख पर्यटक केन्द्र है। यहां देवदार के घने जंगलों के बीच यहां पर अनेक भूमिगत गुफाओं का संग्रह है जिसमें से एक बड़ी गुफा के अंदर [[शंकर]] जी का मंदिर स्थापित है। यह संपूर्ण परिसर [[2007]] से [[भारतीय पुरातत्व विभाग |भारतीय पुरातत्व विभाग]] द्वारा अपने कब्जे में लिया गया है। हांलांकि गुफाओं के अन्दर प्रवेश आदि का कार्य अब भी स्थानीय स्तर पर बनी मंदिर कमेटी द्वारा किया जाता है। पाताल भुवनेश्वर निवासी मेजर समीर कोतवाल [[28 अगस्त]] [[1999]] को [[आसाम]] में उग्रवादियों के एक गुट के साथ लडाई में शहीद हो गये थे। दिवंगत''' मेजर समीर कोतवाल''' की स्मृति में पाताल भुवनेश्वर कस्बे के प्रवेश द्वार को 'समीर द्वार' का नाम दिया गया है। पर्यटकों की सुविधा हेतु [[कुमाऊँ मण्डल]] विकास निगम का गेस्ट हाउस है।
 
'''पाताल भुवनेश्वर''' [[पिथौरागढ़]] जनपद [[उत्तराखंड]] राज्य का प्रमुख पर्यटक केन्द्र है। यहां देवदार के घने जंगलों के बीच यहां पर अनेक भूमिगत गुफाओं का संग्रह है जिसमें से एक बड़ी गुफा के अंदर [[शंकर]] जी का मंदिर स्थापित है। यह संपूर्ण परिसर [[2007]] से [[भारतीय पुरातत्व विभाग |भारतीय पुरातत्व विभाग]] द्वारा अपने कब्जे में लिया गया है। हांलांकि गुफाओं के अन्दर प्रवेश आदि का कार्य अब भी स्थानीय स्तर पर बनी मंदिर कमेटी द्वारा किया जाता है। पाताल भुवनेश्वर निवासी मेजर समीर कोतवाल [[28 अगस्त]] [[1999]] को [[आसाम]] में उग्रवादियों के एक गुट के साथ लडाई में शहीद हो गये थे। दिवंगत''' मेजर समीर कोतवाल''' की स्मृति में पाताल भुवनेश्वर कस्बे के प्रवेश द्वार को 'समीर द्वार' का नाम दिया गया है। पर्यटकों की सुविधा हेतु [[कुमाऊँ मण्डल]] विकास निगम का गेस्ट हाउस है।
 
 
  
  
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चित्र:Paatal_(2).jpg|शंकर जी का मंदिर प्रवेश द्वार  
 
चित्र:Paatal_(2).jpg|शंकर जी का मंदिर प्रवेश द्वार  
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चित्र:Paatal .JPG|भूमिगत गुफाओं में निर्मित आकृतियों से जल रिसाव 
 
चित्र:Paatal_(3).jpg|घने जंगलों के बीच अनेक भूमिगत गुफाओं का संग्रह  
 
चित्र:Paatal_(3).jpg|घने जंगलों के बीच अनेक भूमिगत गुफाओं का संग्रह  
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चित्र:Bhuwneshwer.JPG|भूमिगत गुफाओं में निर्मित आकृति
 
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16:46, 9 अक्टूबर 2012 का अवतरण

पाताल भुवनेश्वर समीर द्वार

पाताल भुवनेश्वर पिथौरागढ़ जनपद उत्तराखंड राज्य का प्रमुख पर्यटक केन्द्र है। यहां देवदार के घने जंगलों के बीच यहां पर अनेक भूमिगत गुफाओं का संग्रह है जिसमें से एक बड़ी गुफा के अंदर शंकर जी का मंदिर स्थापित है। यह संपूर्ण परिसर 2007 से भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा अपने कब्जे में लिया गया है। हांलांकि गुफाओं के अन्दर प्रवेश आदि का कार्य अब भी स्थानीय स्तर पर बनी मंदिर कमेटी द्वारा किया जाता है। पाताल भुवनेश्वर निवासी मेजर समीर कोतवाल 28 अगस्त 1999 को आसाम में उग्रवादियों के एक गुट के साथ लडाई में शहीद हो गये थे। दिवंगत मेजर समीर कोतवाल की स्मृति में पाताल भुवनेश्वर कस्बे के प्रवेश द्वार को 'समीर द्वार' का नाम दिया गया है। पर्यटकों की सुविधा हेतु कुमाऊँ मण्डल विकास निगम का गेस्ट हाउस है।


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