"प्रांगण:मुखपृष्ठ/भाषा" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
 
(6 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 66 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{प्रांगण}}
 
{{प्रतीक्षा|तिथि-समय=13:10, 8 दिसंबर 2010 (IST)}}
 
 
{| width="100%"
 
{| width="100%"
 
|
 
|
{| width="100%" style="border:solid thin #a5d3f2;" class="headbg37" align="center" cellpadding="0" cellspacing="5"
+
{| width="100%" class="headbg37" style="border:1px solid #a7d7f9; border-radius:5px; margin-left:5px; padding:5px;" cellspacing="0" cellpadding="0"
 
|-
 
|-
| valign="top" style="width:40%" |
+
|  
यहाँ आप भारत के विभिन्न धर्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।<br />
+
[[चित्र:Bhasha.gif|right|80px]]
♦ भारतीय संस्कृति की मूल विशेषता यह रही है कि व्यक्ति अपनी परिस्थितियों के अनुरूप मूल्यों की रक्षा करते हुए कोई भी मत, विचार अथवा धर्म अपना सकता है।  
+
* यहाँ हम [[भारत]] की विभिन्न भाषाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है, और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। भाषा [[संस्कृति]] का वाहन है और उसका अंग भी। -'''[[रामविलास शर्मा]]'''
| valign="middle" style="width:20%" |
+
* भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। मनुष्य अपने विचार, भावनाओं एवं अनुभुतियों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।  
<div style=text-align:center; direction: ltr; margin-left: 1em;><h2>भाषा मुखपृष्ठ</h2></div>
+
{{Headnote2|मुख्य आकर्षण- [[हिन्दी सामान्य ज्ञान]] '''·''' [[हिन्दी]] '''·''' [[:श्रेणी:भाषा और लिपि|भाषा से संबंधित सभी लेख देखें]]}}
[[चित्र:Dharm-menu.jpg|center|70px]]
+
{{प्रांगण नोट}}
| valign="top" style="width:40%"|
 
♦ यहाँ हिन्दू धर्म के अगणित रूपों और संप्रदायों के अतिरिक्त, बौद्ध, जैन, सिक्ख, इस्लाम, ईसाई, यहूदी आदि धर्मों की विविधता का भी एक सांस्कृतिक समायोजन देखने को मिलता है। <br />
 
♦ आध्यात्मिकता हमारी संस्कृति का प्राणतत्त्व है। इनमें ऐहिक अथवा भौतिक सुखों की तुलना में आत्मिक अथवा पारलौकिक सुख के प्रति आग्रह देखा जा सकता है।
 
 
|}
 
|}
 
|-
 
|-
 
|
 
|
{| width="51%" align="left" cellpadding="5" cellspacing="5"
+
{| width="100%"  
 
|-
 
|-
| style="border:1px solid #a6d4f7;padding:10px; background:#f4faff" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cce9ff; border:thin solid #a6d4f7">'''विशेष आलेख'''</div>
+
| style="border:1px solid #a6d4f7;padding:10px; background:#f4faff; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cce9ff; border:thin solid #a6d4f7">'''विशेष आलेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हिन्दी भाषा]]'''</div>
+
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[देवनागरी लिपि]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Hindi-Alphabhet.jpg|right|150px|हिन्दी वर्णमाला|link=हिन्दी भाषा]] </div>
+
<div id="rollnone"> [[चित्र:Devnagari.jpg|right|100px|border|link=देवनागरी लिपि]] </div>
*हिन्दी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है।
+
<poem>
*सन [[1991]] ई. की जनगणना के अनुसार, '''23.342 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा''' के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 33.727 करोड़ लोग इसकी लगभग 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं।
+
        '''[[देवनागरी लिपि]]''' एक ऐसी [[लिपि]] है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। यह विश्व में प्रचलित सभी लिपियों की अपेक्षा अधिक पूर्णतर है। इसके लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है। इसमें कुल '''52 अक्षर हैं, जिसमें 14 [[स्वर (व्याकरण)|स्वर]] और 38 [[व्यंजन (व्याकरण)|व्यंजन]]''' हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर [[काशी]] में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा। [[संस्कृत]], [[पालि भाषा|पालि]], [[हिन्दी]], [[मराठी भाषा|मराठी]], [[कोंकणी भाषा|कोंकणी]], [[सिन्धी भाषा|सिन्धी]], [[कश्मीरी भाषा|कश्मीरी]], [[नेपाली भाषा|नेपाली]], [[गढ़वाली]], [[बोडो भाषा|बोडो]], [[अंगिका]], [[मगही भाषा|मगही]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[मैथिली भाषा|मैथिली]], [[संथाली भाषा|संथाली]] आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे '''नागरी लिपि''' भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में [[गुजराती भाषा|गुजराती]], [[पंजाबी भाषा|पंजाबी]], बिष्णुपुरिया [[मणिपुरी]], रोमन और [[उर्दू]] भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। '''[[देवनागरी लिपि|.... और पढ़ें]]'''
*हिंदी की प्रमुख बोलियों में [[अवधी भाषा|अवधी]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[ब्रज भाषा]], छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं।
+
</poem>
*हिन्दी की आदि जननि [[संस्कृत]] है। संस्कृत पालि, प्राकृत भाषा से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है।
 
*हिन्दी के आधुनिक काल में प्रारम्भ में एक ओर [[उर्दू]] का प्रचार होने और दूसरी ओर काव्य की भाषा ब्रजभाषा होने के कारण '''खड़ी बोली''' को अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष करना पड़ा।
 
*भाषा के सर्वागीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया।
 
*'''केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय''' ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और '[[देवनागरी लिपि]]' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया। '''[[हिन्दी|.... और पढ़ें]]'''
 
 
|-
 
|-
| style="border:1px solid #a6d4f7;padding:10px; background:#f4faff" valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#cce9ff; border:thin solid #a6d4f7">'''चयनित लेख'''</div>
+
| style="border:1px solid #c4f4d1;padding:10px; background:#f2fbf5; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" | <div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #a6d4f7">'''चयनित लेख'''</div>
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[पुराण]]'''</div>
+
<div align="center" style="color:#34341B;">'''[[हिंदी]]'''</div>
<div id="rollnone"> [[चित्र:Puran-1.png|right|150px|पुराण|link=पुराण]] </div>
+
<div id="rollnone"> [[चित्र:Hindi-Alphabhet.jpg|right|100px|हिन्दी वर्णमाला|border|link=हिंदी]] </div>
*पुराणों की रचना वैदिक काल के काफ़ी बाद की है, ये स्मृति विभाग में रखे जाते हैं। पुराणों को '''मनुष्य के भूत, भविष्य, वर्तमान का दर्पण''' भी कहा जा सकता है।
+
<poem>
*पुराणों में हिन्दू देवी-देवताओं का और पौराणिक मिथकों का बहुत अच्छा वर्णन है। इनकी '''भाषा सरल और कथा कहानी''' की तरह है।
+
        '''[[हिंदी]]''' भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है। सन [[2001]] ई. की जनगणना के अनुसार, '''25.79 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा''' के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। हिन्दी की प्रमुख बोलियों में [[अवधी भाषा|अवधी]], [[भोजपुरी भाषा|भोजपुरी]], [[ब्रज भाषा]], छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं। हिन्दी की आदि जननि [[संस्कृत]] है। संस्कृत पालि, [[प्राकृत भाषा]] से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है। भाषा के सर्वांगीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया। 'केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय' ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और '[[देवनागरी लिपि]]' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया। सन [[1998]] के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था। '''[[हिंदी|.... और पढ़ें]]'''
*पुराण वस्तुतः वेदों का विस्तार हैं। वेद बहुत ही जटिल तथा शुष्क भाषा-शैली में लिखे गए हैं। [[वेदव्यास]] जी ने पुराणों की रचना और पुनर्रचना की।
+
</poem>
*पुराण शब्द ‘पुरा’ एवं ‘अण’ शब्दों की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ -‘पुराना’ अथवा ‘प्राचीन’ होता है। ‘पुरा’ शब्द का अर्थ है - अनागत एवं अतीत और ‘अण’ शब्द का अर्थ होता है- कहना या बतलाना।
 
*संसार की रचना करते समय [[ब्रह्मा]] जी ने एक ही पुराण की रचना की थी। जिसमें एक '''अरब श्लोक''' थे। यह पुराण बहुत ही विशाल और कठिन था। '''[[पुराण|.... और पढ़ें]]'''
 
 
|}
 
|}
{| width="49%" align="right" cellpadding="1" cellspacing="5"
+
{| width="100%"  
 
|-valign="top"
 
|-valign="top"
| style="border:1px solid #a7e4b8;padding:10px;width:50%; background:#f2fcf5" valign="top" |   
+
| style="border:1px solid #a7e4b8;padding:10px;width:50%; background:#f2fcf5; -moz-border-radius: 6px;-webkit-border-radius: 6px; border-radius: 6px; " valign="top" |   
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''कुछ चुने हुए लेख'''</div>
+
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''कुछ लेख'''</div>
* [[हिंदी अकादमी]]
+
* [[हिन्दी अकादमी]]
* [[हिंदी संस्थान]]
+
* [[हिन्दी संस्थान]]
* [[अल्प]]
+
* [[हिन्दी]]
* [[नम्रता]]
+
* [[हिन्दी सामान्य ज्ञान]]
* [[नमस्कार]]
+
* [[सूक्ति और कहावत]]
* [[दीक्षा]]
+
* [[खरोष्ठी|खरोष्ठी लिपि]]
* [[महादेवी वर्मा]]
+
* [[पालि भाषा]]
* [[प्रेमचंद]]
+
* [[ब्राह्मी लिपि अशोक-काल]]
* [[रबीन्द्रनाथ ठाकुर]]
+
* [[ब्राह्मी लिपि]]
* [[हिन्दी वेबसाइट और ब्लॉग]]
+
* [[अशोक के शिलालेख]]
* [[रामधारी सिंह दिनकर]]
+
* [[पाणिनि]]
* [[जयशंकर प्रसाद]]
+
* [[अष्टाध्यायी]]
* [[भारतेन्दु हरिश्चंद्र]]
+
* [[संस्कृत भाषा]]
| style="border:1px solid #a7e4b8;padding:10px;width:50%; background:#f2fcf5" valign="top" | 
+
* [[देवनागरी लिपि]]
<div style="padding-left:8px; background:#ccf4d7; border:thin solid #afeac0">'''भाषा श्रेणी वृक्ष'''</div>
+
* [[रसखान का कला-पक्ष]]
 +
* [[रसखान की भाषा]]
 +
* [[राजस्थानी भाषा]]
 +
* [[अरबी भाषा]]
 +
* [[ब्रजभाषा]]
 +
* [[कश्मीरी भाषा]]
 +
* [[अंग्रेज़ी भाषा]]
 +
| {{Robelbox|theme=13|title=भाषा श्रेणी वृक्ष}}
 +
<div style="{{Robelbox/pad}}; font-size:100%; height:420px; overflow:auto;">
 
<categorytree mode=pages>भाषा और लिपि</categorytree>
 
<categorytree mode=pages>भाषा और लिपि</categorytree>
|-
+
</div>
| style="border:1px solid #b8ddf8; padding:10px;" valign="top" class="bgtour3" colspan="2" |
+
{{Robelbox/close}}
{| width="100%" align="left" cellpadding="0" cellspacing="0" style="background:transparent;"
 
|-
 
| colspan="3" | <div style="padding-left:5px; background:#bee3ff">'''चयनित चित्र'''</div>
 
----
 
|-
 
| style="background:#bee3ff; width:5%;"|
 
| style="width:90%;" valign="top" |
 
[[चित्र:Kharoshthi Script 5.jpg|300px|खरोष्ठी वर्णमाला|center]]
 
| style="background:#bee3ff; width:5%" |
 
|-
 
| colspan="3"|
 
----
 
<div style="text-align:center;">[[खरोष्ठी|खरोष्ठी वर्णमाला]]</div>
 
 
|}
 
|}
 
|}
 
|}
|-
+
 
|
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{भाषा साँचे सूची}}
 
{{भाषा साँचे सूची}}
|}
+
 
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__
 
__NOEDITSECTION__
 
__NOEDITSECTION__
  
 
[[Category:प्रांगण]]
 
[[Category:प्रांगण]]
 +
[[Category:भाषा और लिपि]]
 +
{{DISPLAYTITLE:भाषा मुखपृष्ठ}}

07:56, 12 मई 2021 के समय का अवतरण

Bhasha.gif
  • यहाँ हम भारत की विभिन्न भाषाओं से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है, और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। भाषा संस्कृति का वाहन है और उसका अंग भी। -रामविलास शर्मा
  • भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। मनुष्य अपने विचार, भावनाओं एवं अनुभुतियों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।
मुख्य आकर्षण- हिन्दी सामान्य ज्ञान · हिन्दी · भाषा से संबंधित सभी लेख देखें
  • भारतकोश पर लेखों की संख्या प्रतिदिन बढ़ती रहती है जो आप देख रहे वह "प्रारम्भ मात्र" ही है...
विशेष आलेख
Devnagari.jpg

        देवनागरी लिपि एक ऐसी लिपि है जिसमें अनेक भारतीय भाषाएँ तथा कुछ विदेशी भाषाएँ लिखीं जाती हैं। भाषा विज्ञान की शब्दावली में यह 'अक्षरात्मक' लिपि कहलाती है। यह विश्व में प्रचलित सभी लिपियों की अपेक्षा अधिक पूर्णतर है। इसके लिखित और उच्चरित रूप में कोई अंतर नहीं पड़ता है। प्रत्येक ध्वनि संकेत यथावत लिखा जाता है। इसमें कुल 52 अक्षर हैं, जिसमें 14 स्वर और 38 व्यंजन हैं। अक्षरों की क्रम व्यवस्था, विन्यास भी बहुत ही वैज्ञानिक है। स्वर-व्यंजन, कोमल-कठोर, अल्पप्राण-महाप्राण, अनुनासिक्य-अन्तस्थ-उष्म इत्यादि वर्गीकरण भी वैज्ञानिक हैं। एक मत के अनुसार देवनगर काशी में प्रचलन के कारण इसका नाम देवनागरी पड़ा। संस्कृत, पालि, हिन्दी, मराठी, कोंकणी, सिन्धी, कश्मीरी, नेपाली, गढ़वाली, बोडो, अंगिका, मगही, भोजपुरी, मैथिली, संथाली आदि भाषाएँ देवनागरी में लिखी जाती हैं। इसे नागरी लिपि भी कहा जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ स्थितियों में गुजराती, पंजाबी, बिष्णुपुरिया मणिपुरी, रोमन और उर्दू भाषाएं भी देवनागरी में लिखी जाती हैं। .... और पढ़ें

चयनित लेख
हिन्दी वर्णमाला

        हिंदी भारतीय गणराज की राजकीय और मध्य भारतीय आर्य भाषा है। सन 2001 ई. की जनगणना के अनुसार, 25.79 करोड़ भारतीय हिन्दी का उपयोग मातृभाषा के रूप में करते हैं, जबकि लगभग 42.20 करोड़ लोग इसकी 50 से अधिक बोलियों में से एक इस्तेमाल करते हैं। हिन्दी की प्रमुख बोलियों में अवधी, भोजपुरी, ब्रज भाषा, छत्तीसगढ़ी, गढ़वाली, हरियाणवी, कुमांऊनी, मागधी और मारवाड़ी शामिल हैं। हिन्दी की आदि जननि संस्कृत है। संस्कृत पालि, प्राकृत भाषा से होती हुई अपभ्रंश तक पहुँचती है। भाषा के सर्वांगीण मानकीकरण का प्रश्न सबसे पहले 1950 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग ने ही उठाया। 'केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय' ने लिपि के मानकीकरण पर अधिक ध्यान दिया और 'देवनागरी लिपि' तथा 'हिन्दी वर्तनी का मानकीकरण' (1983 ई.) का प्रकाशन किया। सन 1998 के पूर्व, मातृभाषियों की संख्या की दृष्टि से विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं के जो आँकड़े मिलते थे, उनमें हिन्दी को तीसरा स्थान दिया जाता था। .... और पढ़ें

कुछ लेख
भाषा श्रेणी वृक्ष

संबंधित लेख