भूतुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण यान

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विभिन्न प्रमोचन यान

भूतुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण यान अथवा भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचक रॉकेट (जीएसएलवी) मार्क I व II, इन्सैट-2 श्रेणी के उपग्रहों (2000 - 2500 कि.ग्रा.) को भू-तुल्यकाली अंतरण कक्षा (जीटीओ) में स्थापित करने में सक्षम है।

  • जीएसएलवी एक तीन चरणों वाला यान है, जिसकी ऊँचाई 49 मी. और उत्थापन भार 414 टन है।
  • नीतभार फ़ेयरिंग पर इसका अधिकतम व्यास 3.4 मी. है।
  • पहले चरण में 6 द्रव (एल 40) स्ट्रैप-ऑन के साथ एस 125 ठोस बूस्टर समाविष्ट है। दूसरा चरण (जीएस 2) द्रव इंजन है और तृतीय चरण (जीएस 3) निम्नतापीय चरण है।
  • यान 6573 केएन उत्थापन प्रणोद उत्पन्न करता है।
  • जीएसएलवी की प्रथम उड़ान 1540 कि.ग्रा. भार वाले जीसैट-1 के प्रमोचन द्वारा 18 अप्रैल, 2001 को शार से संपन्न हुई। इसके बाद 6 और प्रमोचन हुए, 8 मई 2003 को जीएसएलवी-डी2 (जीसैट-2 1825 कि.ग्रा.), 20 सितंबर, 2004 को जीएसएलवी-एफ01 (एडुसैट 1950 कि.ग्रा.), 10 जुलाई 2006 को जीएसएलवी-एफ़02, 2 सितंबर, 2007 को जीएसएलवी-एफ़04 (इन्सैट-4 सीआर 2,130 कि.ग्रा.), 15 अप्रैल, 2010 को जीएसएलवी डी-3।

जीएसएलवी का सफ़रनामा

जीएसएलवी दिनांक प्रक्षेपित उपग्रह परिणाम
जीएसएलवी-एफ़06 25 दिसम्बर, 2010 जीसैट-5पी असफल
जीएसएलवी-डी3 15 अप्रैल, 2010 जीसैट-4 असफल
जीएसएलवी-एफ़04 2 सितंबर, 2007 इन्सैट-4सीआर सफल
जीएसएलवी-एफ़02 10 जुलाई, 2006 इन्सैट-4सी असफल
जीएसएलवी-एफ़01 20 सितंबर, 2004 एडुसैट (जीसैट-3) सफल
जीएसएलवी-डी2 8 मई, 2003 जीसैट-2 सफल
जीएसएलवी-डी1 18 अप्रैल, 2001 जीसैट-1 सफल


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