संख्या और मात्रा

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'संख्या' और 'मात्रा' दोनों का अर्थ समान समझ लिया जाता है, पर ऐसा है नहीं। प्राय: समाचार पढ़ने को मिलते हैं- आतंकवादियों से भारी मात्रा में असलहे बरामद हुए। यह प्रयोग त्रुटिपूर्ण है। यहाँ 'मात्रा' न होकर 'संख्या' का प्रयोग किया जाना चाहिए। जहाँ गिना न जा सके वहाँ 'मात्रा' और जहाँ गिनती की जा सके वहाँ 'संख्या' का प्रयोग करना चाहिये। यदि आप भोजन कर रहे हों तो नमक की 'मात्रा' बढ़ाते-घटाते हैं, परंतु रोटी की 'मात्रा' नहीं बल्कि 'संख्या' बढ़ाते या घटाते हैं।


इन्हें भी देखें: समरूपी भिन्नार्थक शब्द एवं अंतर्राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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