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*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
*[[भारत]] में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित [[हिन्दू धर्म]] का एक व्रत संस्कार है।  
 
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*इस विषय का प्रसिद्ध [[श्लोक]] '''सिंह: प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक:।।''' हरिवंशपुराण (1|38|36) में पाया जाता है।
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*इस विषय का प्रसिद्ध [[श्लोक]] '''सिंह: प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक:।।''' हरिवंशपुराण<ref>(हरिवंशपुराण 1|38|36)</ref> में पाया जाता है।
 
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09:00, 12 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • स्यमन्तक (मणि) की गाथा हरिवंश पुराण [1] में है।
  • इस विषय का प्रसिद्ध श्लोक सिंह: प्रसेनमवधीत् सिंहो जाम्बवता हत:। सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तक:।। हरिवंशपुराण[2] में पाया जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (हरिवंश पुराण 1|38)
  2. (हरिवंशपुराण 1|38|36)

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