अतिरथी
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अतिरथी अर्थात रथ में बैठकर युद्ध करने वाला महारथी योद्धा जो अजेय के रूप में प्रसिद्ध हो।
- 'महाभारत उद्योग पर्व' में पितामह भीष्म ने एक स्थान पर पांडव पक्ष के रथी, महारथी एवं अतिरथी योद्धाओं का वर्णन किया है।
- महाभारत युद्ध में पत्ति, सेनामुख, गुल्म तथा गण के नायक 'अर्द्धरथी' हुआ करते थे। वाहिनी, पृतना, चमु और अनीकिनी के नायक 'रथी' हुआ करते थे। एक अक्षौहिणी सेना का नायक 'अतिरथी' होता था। एक से अधिक अक्षौहिणी सेना का नायक सामान्यतः एक 'महारथी' हुआ करता था।
- विश्व प्रसिद्ध 'महाभारत युद्ध' में कौरवों की ओर से युद्ध करने वाले रथियों में भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, कर्ण, अश्वत्थामा, मद्रनरेश शल्य, भूरिश्रवा, अलम्बुष, कृतवर्मा, कलिंगराज श्रुतायुध, शकुनि, जयद्रथ, विंद और अनुविंद, काम्बोजराज सुदक्षिण, बृहद्बल, दुर्योधन व उसके 99 भाई महारथी थे। जबकि पांडवों की ओर से भीम, नकुल, सहदेव, अर्जुन, युधिष्ठिर, द्रौपदी के पांचों पुत्र, सात्यकि, उत्तमौजा, विराट, द्रुपद, धृष्टद्युम्न, अभिमन्यु, पाण्ड्यराज, घटोत्कच, शिखंडी, युयुत्सु, कुंतिभोज, शैब्य, अनूपराज नील आदि रथी प्रमुख महारथी थे।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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