गरुड़नथूकम केरल का लोक नृत्य है। यह नृत्य उन मंदिरों में प्रस्तुत किया जाता है, जहां भद्रकाली देवी स्थापित हों।
- दो या तीन नर्तक गरुड़ का स्वांग रचाकर खास तरह के वाद्य यंत्र की ताल पर नाचते हैं।
- गरुड़ (पक्षियों का राजा) का प्रतिरूप बनाकर कलाकार नृत्य के दौरान पंखों के छिन्न-भिन्न होने के बावजूद अपने पंजों में सांप को दबाए रखता है। वह आनंदातिरेक में अपने पंखों को फैलाकर और गोल घूमकर नाचता है।
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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