भद्र मातुर

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भद्र मातुर पाणिनिकालीन भारतवर्ष में प्रचलित शब्द था। अच्छे शील वाली माता का पुत्र 'भद्र मातुर' कहलाता था।[1][2]


इन्हें भी देखें: पाणिनि, अष्टाध्यायी एवं भारत का इतिहास


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 4/1/115
  2. पाणिनीकालीन भारत |लेखक: वासुदेवशरण अग्रवाल |प्रकाशक: चौखम्बा विद्याभवन, वाराणसी-1 |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 101 |

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