महाभारत युद्ध पाँचवाँ दिन

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महाभारत युद्ध के पाँचवें दिन श्रीकृष्ण ने पांडव सेना में उत्साह का संचार करने वाला उपदेश दिया। उनके उपदेश के बाद युद्ध की शुरुआत हुई और फिर भयंकर मार-काट मच गई।

  • दोनों ही पक्षों के सैनिक पूरे उत्साह से लड़ रहे थे। भारी संख्या में दोनों ओर के सैनिकों का वध हुआ।
  • इस दिन भीष्म ने पांडव सेना को अपने बाणों से ढंक दिया। उन पर रोक लगाने के लिए क्रमशः अर्जुन और भीम ने उनसे भयंकर युद्ध किया।
  • सात्यकि ने द्रोणाचार्य को भीषण संहार करने से रोके रखा।
  • पितामह भीष्म द्वारा सात्यकि पराजित हुआ और उसे युद्ध क्षेत्र से भगा दिया गया।
  • पाँचवें दिन के युद्ध में भूरिश्रवा द्वारा सात्यकि के दस पुत्रों ने वीरतापूर्वक लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की।
  • इस दिन के युद्ध में दोनों ही पक्ष ने डट कर एक-दूसरे का मुकाबला किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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