विरहुल (रमैनी)
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विरहुल शब्द विरह वाली या विरहिणी से निर्मित हुआ शब्द है। यह 'विरहाकुल' का भी संक्षेपण हो सकता है। कुछ विद्वानों के अनुसार विरहुली नाम का कोई साँप उतारने का मन्त्र रहा होगा। 'कबीर बीजक' में एक रचना इस काव्यरूप में निबद्ध है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ शर्मा, रामकिशोर कबीर ग्रन्थावली (हिंदी), 100।
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