"गीता 10:22" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - '<td> {{गीता अध्याय}} </td>' to '<td> {{गीता अध्याय}} </td> </tr> <tr> <td> {{महाभारत}} </td> </tr> <tr> <td> {{गीता2}} </td>')
 
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 5 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
 
<table class="gita" width="100%" align="left">
 
<table class="gita" width="100%" align="left">
 
<tr>
 
<tr>
पंक्ति 20: पंक्ति 19:
 
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
 
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
  
मैं <balloon link="index.php?title=वेद " title="वेद हिन्दू धर्म के प्राचीन पवित्र ग्रंथों का नाम है, इससे वैदिक संस्कृति प्रचलित हुई ।¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">वेदों</balloon> में [[सामवेद]] हूँ, देवों में <balloon link="index.php?title=इन्द्र" title="देवताओं के राजा इन्द्र कहलाते हैं। जिसे वर्षा का देवता माना जाता है ।
+
मैं [[वेद|वेदों]]<ref>वेद [[हिन्दू धर्म]] के प्राचीन पवित्र ग्रंथों का नाम है, इससे वैदिक संस्कृति प्रचलित हुई।</ref> में [[सामवेद]] हूँ, देवों में [[इन्द्र]]<ref>[[देवता|देवताओं]] के राजा इन्द्र कहलाते हैं, जिसे [[वर्षा]] का देवता माना जाता है।</ref> हूँ, [[इन्द्रियाँ]] में मन हूँ और भूत प्राणियों की चेतना अर्थात् जीवनी शक्ति हूँ ।।22।।
¤¤¤ आगे पढ़ने के लिए लिंक पर ही क्लिक करें ¤¤¤">इन्द्र</balloon> हूँ, [[इन्द्रियों]] में मन हूँ और भूत प्राणियों की चेतना अर्थात् जीवनी शक्ति हूँ ।।22।।
 
 
 
 
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
 
| style="width:50%; font-size:120%;padding:10px;" valign="top"|
  
पंक्ति 56: पंक्ति 53:
 
<tr>
 
<tr>
 
<td>
 
<td>
{{महाभारत}}
+
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 +
<references/>
 +
==संबंधित लेख==
 +
{{गीता2}}
 
</td>
 
</td>
 
</tr>
 
</tr>
 
<tr>
 
<tr>
 
<td>
 
<td>
{{गीता2}}
+
{{महाभारत}}
 
</td>
 
</td>
 
</tr>
 
</tr>

12:50, 5 जनवरी 2013 के समय का अवतरण

गीता अध्याय-10 श्लोक-22 / Gita Chapter-10 Verse-22


वेदानां सामवेदोऽस्मि देवानामस्मि वासव: ।
इन्द्रियाणां मनश्चास्मि भूतानामस्मि चेतना ।।22।।



मैं वेदों[1] में सामवेद हूँ, देवों में इन्द्र[2] हूँ, इन्द्रियाँ में मन हूँ और भूत प्राणियों की चेतना अर्थात् जीवनी शक्ति हूँ ।।22।।

Among the Vedas, I am the Samaveda; among the gods, I am Indira. Among the organs of perception etc., I am lthe mind; and I am the consciousness (life-energy) in living beings. (22)


देवानाम् = देवों में; वासव: इन्द्र; च = और; इन्द्रियाणाम् = इन्द्रियों में; भूतानाम् = भूतप्राणियों में; चेतना = चेतना अर्थात् ज्ञानशक्ति



अध्याय दस श्लोक संख्या
Verses- Chapter-10

1 | 2 | 3 | 4, 5 | 6 | 7 | 8 | 9 | 10 | 11 | 12, 13 | 14 | 15 | 16 | 17 | 18 | 19 | 20 | 21 | 22 | 23 | 24 | 25 | 26 | 27 | 28 | 29 | 30 | 31 | 32 | 33 | 34 | 35 | 36 | 37 | 38 | 39 | 40 | 41 | 42

अध्याय / Chapter:
एक (1) | दो (2) | तीन (3) | चार (4) | पाँच (5) | छ: (6) | सात (7) | आठ (8) | नौ (9) | दस (10) | ग्यारह (11) | बारह (12) | तेरह (13) | चौदह (14) | पन्द्रह (15) | सोलह (16) | सत्रह (17) | अठारह (18)

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वेद हिन्दू धर्म के प्राचीन पवित्र ग्रंथों का नाम है, इससे वैदिक संस्कृति प्रचलित हुई।
  2. देवताओं के राजा इन्द्र कहलाते हैं, जिसे वर्षा का देवता माना जाता है।

संबंधित लेख