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कुर्नूल नगर दक्षिण [[भारत]] की [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] और हांद्री नदियों के तट पर स्थित है, जिसका प्राचीन नाम कनडेला वोलू है।  
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कुर्नूल नगर दक्षिण [[भारत]] की [[तुंगभद्रा नदी|तुंगभद्रा]] और हांद्री नदियों के तट पर स्थित है, जिसका प्राचीन नाम कुरुनूल और [[कनडेलावोलु]] है।  
 
==इतिहास==
 
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इस नगर को 11वीं सदी में बसाया गया था। प्राचीन समय में यहाँ हीरे की खाने थीं। [[विजयनगर साम्राज्य]] के अंतर्गत रहने के पश्चात इस नगर का पतन होने पर गोपालराय का यहाँ कुछ दिन आधिपत्य रहा।
 
इस नगर को 11वीं सदी में बसाया गया था। प्राचीन समय में यहाँ हीरे की खाने थीं। [[विजयनगर साम्राज्य]] के अंतर्गत रहने के पश्चात इस नगर का पतन होने पर गोपालराय का यहाँ कुछ दिन आधिपत्य रहा।

07:10, 3 जुलाई 2011 का अवतरण

कुर्नूल नगर दक्षिण भारत की तुंगभद्रा और हांद्री नदियों के तट पर स्थित है, जिसका प्राचीन नाम कुरुनूल और कनडेलावोलु है।

इतिहास

इस नगर को 11वीं सदी में बसाया गया था। प्राचीन समय में यहाँ हीरे की खाने थीं। विजयनगर साम्राज्य के अंतर्गत रहने के पश्चात इस नगर का पतन होने पर गोपालराय का यहाँ कुछ दिन आधिपत्य रहा। बीजापुर के सुल्तान के काल में यहाँ के अनेक मंदिर तोड़ दिये गये तथा उनके स्थान पर मस्जिदें बनवाई गयीं। बीजापुर के सुल्तान के शासन काल में शिवाजी ने इस इलाके से चौथे वसूली की। औरंगज़ेब के समय कुर्नूल पर मुग़लों का अधिकार हो गया था, लेकिन बाद में निज़ाम हैदराबाद ने कुर्नूल को अपने राज्य में सम्मिलित कर लिया था।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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