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*वैशम्पायन [[व्यास]] जी के सर्वश्रेष्ठ शिष्यों में से एक तथा एक प्रसिद्ध [[ऋषि]] जो कृष्ण यजुर्वेद के प्रर्वतक कहे जाते हैं।  
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'''वैशम्पायन''' [[व्यास]] जी के सर्वश्रेष्ठ शिष्यों में से एक तथा एक प्रसिद्ध [[ऋषि]] जो कृष्ण यजुर्वेद के प्रर्वतक कहे जाते हैं। वैशम्पायन ने व्यास जी से [[महाभारत]] का अध्ययन कर राजा [[जनमेजय]] को सुनाया था। कहते हैं कि [[हरिवंश पुराण]] का प्रचार भी इन्हीं ने किया था। <ref>तैत्तिरीयसंहिता तथा यागवल्क्य स्मृति</ref>
*वैशम्पायन ने व्यास जी से [[महाभारत]] का अध्ययन कर राजा [[जनमेजय]] को सुनाया था। कहते हैं कि [[हरिवंश पुराण]] का प्रचार भी इन्हीं ने किया था। <ref>तैत्तिरीयसंहिता तथा यागवल्क्य स्मृति</ref>
 
  
  

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वैशम्पायन व्यास जी के सर्वश्रेष्ठ शिष्यों में से एक तथा एक प्रसिद्ध ऋषि जो कृष्ण यजुर्वेद के प्रर्वतक कहे जाते हैं। वैशम्पायन ने व्यास जी से महाभारत का अध्ययन कर राजा जनमेजय को सुनाया था। कहते हैं कि हरिवंश पुराण का प्रचार भी इन्हीं ने किया था। [1]



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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. तैत्तिरीयसंहिता तथा यागवल्क्य स्मृति

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