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{{लेख सूचना
 
|पुस्तक नाम=हिन्दी विश्वकोश खण्ड 1
 
|पृष्ठ संख्या=68
 
|भाषा= हिन्दी देवनागरी
 
|लेखक =
 
|संपादक=सुधाकर पाण्डेय
 
|आलोचक=
 
|अनुवादक=
 
|प्रकाशक=नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
 
|मुद्रक=नागरी मुद्रण वाराणसी
 
|संस्करण=सन्‌ 1973 ईसवी
 
|स्रोत=
 
|उपलब्ध=भारतडिस्कवरी पुस्तकालय
 
|कॉपीराइट सूचना=नागरी प्रचारणी सभा वाराणसी
 
|टिप्पणी=
 
|शीर्षक 1=लेख सम्पादक
 
|पाठ 1=नरेन्द्रनाथ लाल।
 
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|पाठ 2=
 
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'''अक्रोन''' ओहायो (संयुक्त राज्य अमरीका) का एक नगर है, जो छोटी कुयाहिगो नदी पर स्थित है। इसकी स्थापना पहले पहल सन्‌ 1818 में हुई; 1865 में यह नगर हो गया। इसका क्षेत्रफल 25.3 वर्ग मील है। रबर टायर बनाने का यह बहुत बड़ा केंद्र है। यहाँ पर रासायनिक पदार्थ, पत्थर के सामान, चीनी मिट्टी के बरतन, संगमरमर के खिलौने, जहाज और मछली फँसाने के उपकरण तैयार किए जाते हैं। यहाँ का विश्वविद्यालय 1913 में बना। लगभग 475 एकड़ भूमि में यहाँ पर 26 प्रमोदवन (पार्क) हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=68 |url=}}</ref>  
 
'''अक्रोन''' ओहायो (संयुक्त राज्य अमरीका) का एक नगर है, जो छोटी कुयाहिगो नदी पर स्थित है। इसकी स्थापना पहले पहल सन्‌ 1818 में हुई; 1865 में यह नगर हो गया। इसका क्षेत्रफल 25.3 वर्ग मील है। रबर टायर बनाने का यह बहुत बड़ा केंद्र है। यहाँ पर रासायनिक पदार्थ, पत्थर के सामान, चीनी मिट्टी के बरतन, संगमरमर के खिलौने, जहाज और मछली फँसाने के उपकरण तैयार किए जाते हैं। यहाँ का विश्वविद्यालय 1913 में बना। लगभग 475 एकड़ भूमि में यहाँ पर 26 प्रमोदवन (पार्क) हैं।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1|लेखक= |अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक= नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी|संकलन= भारत डिस्कवरी पुस्तकालय|संपादन= |पृष्ठ संख्या=68 |url=}}</ref>  
  

11:26, 19 मई 2018 के समय का अवतरण

अक्रोन ओहायो (संयुक्त राज्य अमरीका) का एक नगर है, जो छोटी कुयाहिगो नदी पर स्थित है। इसकी स्थापना पहले पहल सन्‌ 1818 में हुई; 1865 में यह नगर हो गया। इसका क्षेत्रफल 25.3 वर्ग मील है। रबर टायर बनाने का यह बहुत बड़ा केंद्र है। यहाँ पर रासायनिक पदार्थ, पत्थर के सामान, चीनी मिट्टी के बरतन, संगमरमर के खिलौने, जहाज और मछली फँसाने के उपकरण तैयार किए जाते हैं। यहाँ का विश्वविद्यालय 1913 में बना। लगभग 475 एकड़ भूमि में यहाँ पर 26 प्रमोदवन (पार्क) हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 68 |

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