"अगुआड़ा दुर्ग" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "इजाफा" to "इजाफ़ा")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 39: पंक्ति 39:
 
|अद्यतन={{अद्यतन|14:04, 20 नवम्बर 2011 (IST)}}
 
|अद्यतन={{अद्यतन|14:04, 20 नवम्बर 2011 (IST)}}
 
}}
 
}}
'''अगुआड़ा दुर्ग''' [[महाराष्ट्र]] के [[मुंबई]] शहर से लगभग 400 किलोमीटर दक्षिण में [[गोवा]] राज्य में [[मांडवी नदी]] के उत्तरी किनारे पर स्थित है। अगुआड़ा पुर्तग़ाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- 'पानी का स्थल'। इसका नामकरण [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने एक मीठे पानी के झरने के नाम पर किया था। इस दुर्ग को आठ वर्षों में निर्मित किया गया था।  
+
'''अगुआड़ा दुर्ग''' [[महाराष्ट्र]] के [[मुंबई]] शहर से लगभग 400 किलोमीटर दक्षिण में [[गोवा|गोवा राज्य]] में [[मांडवी नदी]] के उत्तरी किनारे पर स्थित है। अगुआड़ा पुर्तग़ाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- 'पानी का स्थल'। इसका नामकरण [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने एक मीठे पानी के झरने के नाम पर किया था। इस दुर्ग को आठ वर्षों में निर्मित किया गया था।
 
 
 
==इतिहास==
 
==इतिहास==
1612 ई. में इसके पूर्ण होने पर पुर्तग़ालियों ने इसका नाम ‘फोर्ट सांता कैथेरिना’ रखा। अगुआड़ा में पुर्तग़ालियों द्वारा दुर्ग निर्माण का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गोवा की अपनी बस्ती की सुरक्षा करना था। दुर्ग समुद्र की ओर ऊँचे परकोटों और दो सुदृढ़ बुर्जों द्वारा सुरक्षित है। इस दुर्ग पर [[मराठा|मराठों]] ने भी आक्रमण किया था। परंतु [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने उसे असफल कर दिया। [[मराठा|मराठों]] के साथ 1741 ई. की संधि के बाद यह दुर्ग पुर्तग़ालियों के अधिकार में आ गया।  
+
1612 ई. में इसके पूर्ण होने पर पुर्तग़ालियों ने इसका नाम ‘फोर्ट सांता कैथेरिना’ रखा। अगुआड़ा में पुर्तग़ालियों द्वारा दुर्ग निर्माण का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गोवा की अपनी बस्ती की सुरक्षा करना था। दुर्ग समुद्र की ओर ऊँचे परकोटों और दो सुदृढ़ बुर्जों द्वारा सुरक्षित है। इस दुर्ग पर [[मराठा|मराठों]] ने भी आक्रमण किया था, परंतु [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] ने उसे असफल कर दिया। मराठों के साथ 1741 ई. की संधि के बाद यह दुर्ग पुर्तग़ालियों के अधिकार में आ गया।  
 
==लक्ष्य==
 
==लक्ष्य==
[[मांडवी नदी]] के मुहाने पर बसा अगुआड़ा क़िला 1612 ईस्वी में तौयार हुआ था। इसे [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने बनवाया था। हर क़िले की तरहा इस क़िले का निर्माण भी दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किया गया। लेकिन एक मकसद और था- [[यूरोप]] से आने वाले जहाजों के लिय ताज़ा पानी मुहैया कराना। क़िले में पानी जमा रहे, इसके लिए यहाँ एक विशाल टंकी बनवाई गई। इसे संभालने के लिए 16 बड़े स्तंभों का प्रयोग किया गया। टंकी की भंडारण क्षमता कई लाख गैलन है। इसमें पानी एकत्र करने के लिए प्राकृतिक झरनों की मद्द ली जाती थी। मजे की बात है कि ये झरने क़िले के अन्दर ही थे। 17वीं और 18वीं शताब्दी में दूर-दराज से आने वाले जहाज़ यहाँ रुकते और ताजे पानी का स्टॉक लेकर आगे बढ़ जाते। यकीन नहीं होता कि सामान्य-सा दिखने वाला क़िला किसी जमाने में पानी का इतना बड़ा स्रोत रहा होगा। क़िले के प्रांगण में प्रवेश करते हैं तो टंकी सामने ही दिखाई  देती है। इस पर खड-ए होकर चारों तरफ नज़र दौड़ाएँ तो लगेगा जैसे लंबी आयताकार दीवार ने आपको घेरा हुआ है। एक कोने पर [[सफ़ेद रंग]] का [[अगुआड़ा लाइट हाउस|लाइट हाउस]] तो दूसरे किनारे पर मांडवी नदी है। ये दोनों क़िले की ख़ूबसूरती में भरपूर इजाफ़ा करते हैं। यहाँ निरभ्र शांति है, और सुकून चाहने वालों के लिए किसी सौगात से कम नहीं हैं यह जगह।  
+
[[मांडवी नदी]] के मुहाने पर बसा अगुआड़ा क़िला 1612 ईस्वी में तैयार हुआ था। इसे [[पुर्तग़ाली|पुर्तग़ालियों]] ने बनवाया था। हर क़िले की तरह इस क़िले का निर्माण भी दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किया गया। लेकिन एक मकसद और था- [[यूरोप]] से आने वाले जहाज़ों के लिय ताज़ा पानी मुहैया कराना। क़िले में पानी जमा रहे, इसके लिए यहाँ एक विशाल टंकी बनवाई गई। इसे संभालने के लिए 16 बड़े स्तंभों का प्रयोग किया गया। टंकी की भंडारण क्षमता कई लाख गैलन है। इसमें पानी एकत्र करने के लिए प्राकृतिक झरनों की मदद ली जाती थी। मजे की बात है कि ये झरने क़िले के अन्दर ही थे। 17वीं और 18वीं शताब्दी में दूर-दराज से आने वाले जहाज़ यहाँ रुकते और ताजे पानी का स्टॉक लेकर आगे बढ़ जाते। यकीन नहीं होता कि सामान्य-सा दिखने वाला क़िला किसी जमाने में पानी का इतना बड़ा स्रोत रहा होगा।
 +
 
 +
 
 +
क़िले के प्रांगण में प्रवेश करते हैं तो टंकी सामने ही दिखाई  देती है। इस पर खड़े होकर चारों तरफ़ नज़र दौड़ाएँ तो लगेगा जैसे लंबी आयताकार दीवार ने आपको घेरा हुआ है। एक कोने पर [[सफ़ेद रंग]] का [[अगुआड़ा लाइट हाउस|लाइट हाउस]] तो दूसरे किनारे पर मांडवी नदी है। ये दोनों क़िले की ख़ूबसूरती में भरपूर इजाफ़ा करते हैं। यहाँ निरभ्र शांति है और सुकून चाहने वालों के लिए किसी सौगात से कम नहीं हैं यह जगह।
 
==क़िले की संरचना==
 
==क़िले की संरचना==
क़िले की बाहरी दीवार लगभग ढह चुकी है। अंदर की दीवारें मज़बूत हैं जो तीन तरफ़ से चौड़ी खाई से घिरी हैं। चौथा छोर नदी की तरफ खुलता है। क़िले की संरचना कुछ ऐसी है कि इसे दो भागों में बांट सकते हैं- एक ऊपरी और दूसरा निचला भाग। क़िले के उपरी हिस्से में पानी की टंकी, लाइट हाउस, बारूद रखने का कक्ष और बुर्ज हैं, जबकि निचला हिस्सा पुर्तग़ाली जहाजों की गोदी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। खास बात यह कि अगुआड़ा देश का एकमात्र क़िला है जिस पर कभी किसी का आधिपत्य नहीं हो सका। यही वजह है कि पुर्तग़ाली क़िलों में अगुआड़ा सबसे अहम है।  
+
क़िले की बाहरी दीवार लगभग ढह चुकी है। अंदर की दीवारें मज़बूत हैं जो तीन तरफ़ से चौड़ी खाई से घिरी हैं। चौथा छोर नदी की तरफ़ खुलता है। क़िले की संरचना कुछ ऐसी है कि इसे दो भागों में बांट सकते हैं- एक ऊपरी और दूसरा निचला भाग। क़िले के उपरी हिस्से में पानी की टंकी, लाइट हाउस, बारूद रखने का कक्ष और बुर्ज हैं, जबकि निचला हिस्सा पुर्तग़ाली जहाज़ों की गोदी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। ख़ास बात यह कि अगुआड़ा देश का एकमात्र क़िला है, जिस पर कभी किसी का आधिपत्य नहीं हो सका। यही वजह है कि पुर्तग़ाली क़िलों में अगुआड़ा सबसे अहम है।  
 
==मार्ग स्थिति==
 
==मार्ग स्थिति==
अरपोरा से कैंडोलिम और सिन्क्वेरिम समुद्र तट की तरफ़ जाने वाली सड़क आगे क़िले तक ले जाती है। फ़ोर्ट रोड पर चहल-पहल भरे बाज़ार हैं, तो कई अच्छे विदेशी रेस्तरां और कैफ़े भी है। बाज़ार पार करने के बाद हल्की चढ़ाई है। रास्ता थोड़ा घुमावदार हो जाता है, लेकिन ख़ूबसूरत नज़ारे वहाँ भी संग-संग रहते हैं। ट्रैफ़िक न के बराबर है और सड़क के दोनों तरफ झाड़ियाँ है।  
+
अरपोरा से कैंडोलिम और सिन्क्वेरिम समुद्र तट की तरफ़ जाने वाली सड़क आगे क़िले तक ले जाती है। फ़ोर्ट रोड पर चहल-पहल भरे बाज़ार हैं, तो कई अच्छे विदेशी रेस्तरां और कैफ़े भी है। बाज़ार पार करने के बाद हल्की चढ़ाई है। रास्ता थोड़ा घुमावदार हो जाता है, लेकिन ख़ूबसूरत नज़ारे वहाँ भी संग-संग रहते हैं। ट्रैफ़िक न के बराबर है और सड़क के दोनों तरफ़ झाड़ियाँ है।
{{लेख प्रगति
+
 
|आधार=
+
 
|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1
+
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1|माध्यमिक=|पूर्णता=|शोध=}}
|माध्यमिक=
+
{{Panorama
|पूर्णता=
+
|image=चित्र:Panorama-Aguada-Fort.jpg
|शोध=
+
|height= 300
 +
|alt=अगुआड़ा दुर्ग का एक दृश्य, गोवा
 +
|caption=अगुआड़ा दुर्ग का एक दृश्य, गोवा
 
}}
 
}}
 
==वीथिका==
 
==वीथिका==
[[चित्र:Panorama-Aguada-Fort.jpg|thumb|550px|center|अगुआड़ा दुर्ग का एक दृश्य, [[गोवा]]]]
 
 
<gallery>
 
<gallery>
 
चित्र:Aguada-Fort.jpg|[[अगुआड़ा लाइट हाउस]], [[गोवा]]
 
चित्र:Aguada-Fort.jpg|[[अगुआड़ा लाइट हाउस]], [[गोवा]]
पंक्ति 64: पंक्ति 67:
 
चित्र:Aguada-Fort-4.jpg|अगुआड़ा दुर्ग, [[गोवा]]
 
चित्र:Aguada-Fort-4.jpg|अगुआड़ा दुर्ग, [[गोवा]]
 
</gallery>
 
</gallery>
 
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
 
{{गोवा के पर्यटन स्थल}}{{भारत के दुर्ग}}
 
{{गोवा के पर्यटन स्थल}}{{भारत के दुर्ग}}

13:39, 13 अगस्त 2017 के समय का अवतरण

अगुआड़ा दुर्ग
अगुआड़ा दुर्ग, गोवा
विवरण अगुआड़ा दुर्ग का नामकरण पुर्तग़ालियों ने एक मीठे पानी के झरने के नाम पर किया था।
राज्य गोवा
ज़िला दक्षिण गोवा
निर्माण काल 17वीं शताब्दी
स्थापना अगुआड़ा दुर्ग 1612 ई. में पुर्तग़ालियों द्वारा बनाया गया था।
भौगोलिक स्थिति पूर्व- 15° 29' 16.80", उत्तर- 73° 45' 46.80"
मार्ग स्थिति अगुआड़ा दुर्ग, पणजी राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 17 से 12.6 किमी की दूरी पर स्थित है।
कैसे पहुँचें जलयान, हवाई जहाज़, रेल, बस आदि
हवाई अड्डा डाबोलिम हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन थिविम रेलवे स्टेशन
बस अड्डा कंदोलिम बस अड्डा
यातायात साइकिल-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा, मीटर-टैक्सी, सिटी बस
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथि ग्रह
एस.टी.डी. कोड 0832
ए.टी.एम लगभग सभी
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख संत फ़्रांसिस आसिसी गिरजाघर, से कैथेड्रल गिरजाघर, वरका तट, हरमल तट भाषा कोंकणी, अंग्रेजी, हिंदी, पुर्तग़ाली और मराठी
अन्य जानकारी अगुआड़ा में पुर्तग़ालियों द्वारा दुर्ग निर्माण का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गोवा की अपनी बस्ती की सुरक्षा करना था।
अद्यतन‎

अगुआड़ा दुर्ग महाराष्ट्र के मुंबई शहर से लगभग 400 किलोमीटर दक्षिण में गोवा राज्य में मांडवी नदी के उत्तरी किनारे पर स्थित है। अगुआड़ा पुर्तग़ाली भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है- 'पानी का स्थल'। इसका नामकरण पुर्तग़ालियों ने एक मीठे पानी के झरने के नाम पर किया था। इस दुर्ग को आठ वर्षों में निर्मित किया गया था।

इतिहास

1612 ई. में इसके पूर्ण होने पर पुर्तग़ालियों ने इसका नाम ‘फोर्ट सांता कैथेरिना’ रखा। अगुआड़ा में पुर्तग़ालियों द्वारा दुर्ग निर्माण का मुख्य उद्देश्य इसके माध्यम से गोवा की अपनी बस्ती की सुरक्षा करना था। दुर्ग समुद्र की ओर ऊँचे परकोटों और दो सुदृढ़ बुर्जों द्वारा सुरक्षित है। इस दुर्ग पर मराठों ने भी आक्रमण किया था, परंतु अंग्रेज़ों ने उसे असफल कर दिया। मराठों के साथ 1741 ई. की संधि के बाद यह दुर्ग पुर्तग़ालियों के अधिकार में आ गया।

लक्ष्य

मांडवी नदी के मुहाने पर बसा अगुआड़ा क़िला 1612 ईस्वी में तैयार हुआ था। इसे पुर्तग़ालियों ने बनवाया था। हर क़िले की तरह इस क़िले का निर्माण भी दुश्मनों से सुरक्षा के लिए किया गया। लेकिन एक मकसद और था- यूरोप से आने वाले जहाज़ों के लिय ताज़ा पानी मुहैया कराना। क़िले में पानी जमा रहे, इसके लिए यहाँ एक विशाल टंकी बनवाई गई। इसे संभालने के लिए 16 बड़े स्तंभों का प्रयोग किया गया। टंकी की भंडारण क्षमता कई लाख गैलन है। इसमें पानी एकत्र करने के लिए प्राकृतिक झरनों की मदद ली जाती थी। मजे की बात है कि ये झरने क़िले के अन्दर ही थे। 17वीं और 18वीं शताब्दी में दूर-दराज से आने वाले जहाज़ यहाँ रुकते और ताजे पानी का स्टॉक लेकर आगे बढ़ जाते। यकीन नहीं होता कि सामान्य-सा दिखने वाला क़िला किसी जमाने में पानी का इतना बड़ा स्रोत रहा होगा।


क़िले के प्रांगण में प्रवेश करते हैं तो टंकी सामने ही दिखाई देती है। इस पर खड़े होकर चारों तरफ़ नज़र दौड़ाएँ तो लगेगा जैसे लंबी आयताकार दीवार ने आपको घेरा हुआ है। एक कोने पर सफ़ेद रंग का लाइट हाउस तो दूसरे किनारे पर मांडवी नदी है। ये दोनों क़िले की ख़ूबसूरती में भरपूर इजाफ़ा करते हैं। यहाँ निरभ्र शांति है और सुकून चाहने वालों के लिए किसी सौगात से कम नहीं हैं यह जगह।

क़िले की संरचना

क़िले की बाहरी दीवार लगभग ढह चुकी है। अंदर की दीवारें मज़बूत हैं जो तीन तरफ़ से चौड़ी खाई से घिरी हैं। चौथा छोर नदी की तरफ़ खुलता है। क़िले की संरचना कुछ ऐसी है कि इसे दो भागों में बांट सकते हैं- एक ऊपरी और दूसरा निचला भाग। क़िले के उपरी हिस्से में पानी की टंकी, लाइट हाउस, बारूद रखने का कक्ष और बुर्ज हैं, जबकि निचला हिस्सा पुर्तग़ाली जहाज़ों की गोदी के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। ख़ास बात यह कि अगुआड़ा देश का एकमात्र क़िला है, जिस पर कभी किसी का आधिपत्य नहीं हो सका। यही वजह है कि पुर्तग़ाली क़िलों में अगुआड़ा सबसे अहम है।

मार्ग स्थिति

अरपोरा से कैंडोलिम और सिन्क्वेरिम समुद्र तट की तरफ़ जाने वाली सड़क आगे क़िले तक ले जाती है। फ़ोर्ट रोड पर चहल-पहल भरे बाज़ार हैं, तो कई अच्छे विदेशी रेस्तरां और कैफ़े भी है। बाज़ार पार करने के बाद हल्की चढ़ाई है। रास्ता थोड़ा घुमावदार हो जाता है, लेकिन ख़ूबसूरत नज़ारे वहाँ भी संग-संग रहते हैं। ट्रैफ़िक न के बराबर है और सड़क के दोनों तरफ़ झाड़ियाँ है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध
अगुआड़ा दुर्ग का एक दृश्य, गोवा
अगुआड़ा दुर्ग का एक दृश्य, गोवा

वीथिका

संबंधित लेख