अधजल गगरी छलकत जाय

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:25, 6 जुलाई 2017 का अवतरण (Text replacement - "विद्वान " to "विद्वान् ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
  • यह लोकोक्ति एक प्रचलित कहावत है।
  • इसका अर्थ - जो व्यक्ति बहुत कम जानता है, वह विद्वान् ही होने का दिखावा ज़्यादा करता है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ