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*जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्यों खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
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*जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।
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*जो अविकारी शब्द हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, क्रोध, तिरस्कार आदि भावों का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।  
 
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09:13, 14 अक्टूबर 2011 के समय का अवतरण

  • वह शब्द जो लिंग, वचन, कारक आदि से कभी विकृत नहीं होते हैं अविकारी शब्द होते हैं।
  • इनको 'अव्यय' भी कहा जाता है।
  • जैसे- वहाँ, जहाँ आदि।

क्रियाविशेषण

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  • क्रियाविशेषण वह अव्यय शब्द है जो क्रिया की किसी विशेषता को बताता है।
  • जैसे- मानसी धीरे-धीरे चल रही है।

सम्बन्धबोधक

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  • सम्बन्धबोधक सार्थक शब्दों के आठ भेदों में एक भेद है।
  • व्याकरण में सम्बन्धबोधक एक अविकारी शब्द है।

समुच्यबोधक

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  • जो अविकारी शब्द दो शब्दों, दो वाक्यों अथवा दो वाक्य खण्डों को जोड़ते हैं, उन्हें समुच्यबोधक कहते हैं।

विस्मयादिबोधक

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  • जो अविकारी शब्द हर्ष, शोक, आश्चर्य, घृणा, क्रोध, तिरस्कार आदि भावों का बोध कराते हैं, उन्हें विस्मयादिबोधक कहते हैं।


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