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*[[महाभारत]] <ref>उद्योग0 31-19</ref> में उल्लिखित पाँच स्थानों में से एक जिन्हें [[युधिष्ठिर]] ने [[दुर्योधन]] से पांडवों के लिए मांगा था।
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'''अविस्थल''' [[महाभारत]]<ref>उद्योग. 31-19</ref> में उल्लिखित उन पाँच स्थानों में से एक है, जिसे [[युधिष्ठिर]] ने [[दुर्योधन]] से [[पाण्डव|पाण्डवों]] के लिए मांगा था।
  
*युधिष्ठिर ने यह संदेश दुर्योधन के पास [[संजय]] द्वारा भिजवाया था- <blockquote>'अविस्थलंवृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्वत्र किंचिदेकं च पंचमम्'</blockquote> अर्थात हमें केवल अविस्थल, वृकस्थल, माकंदी, वारणावत तथा पाँचवाँ कोई भी ग्राम दे दें।
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*युधिष्ठिर ने यह संदेश दुर्योधन के पास [[संजय]] द्वारा भिजवाया था-
*वृकस्थल या वृकप्रस्थ<ref>वर्तमान बागपत, ज़िला मेरठ, उ0 प्र0</ref>माकन्दी और वारणावत<ref>वर्तमान बरनावा, ज़िला मेरठ</ref> [[हस्तिनापुर]] के निकट ही स्थित थे।  
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<blockquote>'अविस्थलंवृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्वत्र किंचिदेकं च पंचमम्'</blockquote>
*अविस्थल भी इनके निकट ही होगा यद्यपि इसका ठीक-ठीक अभिज्ञान संदिग्ध है। कुछ विद्वानों के अनुसार अविस्थल का शुद्ध पाठ कपिस्थल या कपिष्ठल होना चाहिए। कपिस्थल वर्तमान कैथल<ref>ज़िला करनाल, [[पंजाब]]</ref> है।  
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अर्थात् "हमें केवल '[[अविस्थल]]', '[[वृकस्थल]]', 'माकंदी', '[[वारणावत]]' तथा पाँचवाँ कोई भी [[ग्राम]] दे दे।
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*वृकस्थल या वृकप्रस्थ<ref>वर्तमान [[बागपत]], [[मेरठ ज़िला|ज़िला मेरठ]], [[उत्तर प्रदेश|उ. प्र.]]</ref>माकन्दी और वारणावत<ref>वर्तमान [[बरनावा]], ज़िला मेरठ</ref> [[हस्तिनापुर]] के निकट ही स्थित थे।  
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*अविस्थल भी इनके निकट ही होगा, यद्यपि इसका ठीक-ठीक अभिज्ञान संदिग्ध है।
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*कुछ विद्वानों के अनुसार अविस्थल का शुद्ध पाठ 'कपिस्थल' या 'कपिष्ठल' होना चाहिए।
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*कपिस्थल वर्तमान '[[कैथल]]'<ref>[[करनाल ज़िला|ज़िला करनाल]], [[पंजाब]]</ref> है।  
  
 
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 48| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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12:54, 3 मई 2018 के समय का अवतरण

अविस्थल महाभारत[1] में उल्लिखित उन पाँच स्थानों में से एक है, जिसे युधिष्ठिर ने दुर्योधन से पाण्डवों के लिए मांगा था।

  • युधिष्ठिर ने यह संदेश दुर्योधन के पास संजय द्वारा भिजवाया था-

'अविस्थलंवृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्वत्र किंचिदेकं च पंचमम्'

अर्थात् "हमें केवल 'अविस्थल', 'वृकस्थल', 'माकंदी', 'वारणावत' तथा पाँचवाँ कोई भी ग्राम दे दे।

  • वृकस्थल या वृकप्रस्थ[2]माकन्दी और वारणावत[3] हस्तिनापुर के निकट ही स्थित थे।
  • अविस्थल भी इनके निकट ही होगा, यद्यपि इसका ठीक-ठीक अभिज्ञान संदिग्ध है।
  • कुछ विद्वानों के अनुसार अविस्थल का शुद्ध पाठ 'कपिस्थल' या 'कपिष्ठल' होना चाहिए।
  • कपिस्थल वर्तमान 'कैथल'[4] है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 48| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


  1. उद्योग. 31-19
  2. वर्तमान बागपत, ज़िला मेरठ, उ. प्र.
  3. वर्तमान बरनावा, ज़िला मेरठ
  4. ज़िला करनाल, पंजाब

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