आँखें फेरना

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:15, 20 अप्रैल 2018 का अवतरण (Text replacement - "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}" to "{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे}}{{कहावत लोकोक्ति मुहावरे2}}")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आँखें फेरना एक प्रचलित लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा है।

अर्थ- किसी से स्नेहपूर्ण या मधुर संबंध खत्म करना।

प्रयोग-

  1. उन्हें क्या ख़बर कि चौधरी आज आँखें बदल लें तो यह सारी ईद मुहर्रम हो जाए। - (प्रेमचंद)
  2. एक बार उन आँखों से आँखें चार होने पर कोई भी सहज में आँखें फेर नहीं सकता था। - (शिवानी)


टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख

कहावत लोकोक्ति मुहावरे वर्णमाला क्रमानुसार खोजें

                              अं                                                                                              क्ष    त्र    श्र