आईआरएस-1ई उपग्रह
आईआरएस-1ई उपग्रह, जो आईआरएस-1ए के इंजीनियरी मॉडल से व्युत्पन्न है और जिसमें डीएलआर, जर्मनी द्वारा विकसित मोनोक्यूलार इलेक्ट्रो-ऑप्टिकल स्टीरियो स्कैनर तथा आईआरएस-1ए पर स्थित कैमरे के समान लिस-1 कैमरा समाविष्ट करते हुए सितंबर, 1993 में प्रमोचित पीएसएलवी-डी1 द्वारा कक्षा में स्थापित नहीं किया जा सका। प्रमोचन यान द्वारा समस्याओं का सामना करने की वजह से मिशन कार्यान्वित नहीं किया जा सका। यह पीएसएलवी की पहली विकासात्मक उड़ान थी।
मिशन | संक्रियात्मक सुदूर संवेदन |
भार | 846 कि.ग्रा. |
ऑनबोर्ड पॉवर | 415 वॉट |
संचार | एस-बैंड (टीआईसी) तथा वीएचएफ़ |
स्थिरीकरण | 4 अभिक्रिया चक्र, चुंबकीय आघूर्णकों सहित तीन अक्षीय पिंड स्थिरीकृत (शून्य संवेग) |
आरसीएस | 1 न्यूटन थ्रस्टर (16 सं) सहित आरसीएस आधारित एकल नोदक हाइड्राज़ीन |
नीतभार | लिस-1 एमईओएसएस (मोनो-ऑकुला इलेक्ट्रो ऑप्टिक स्टीरियो स्कैनर) |
प्रमोचन दिनांक | 20 सितंबर, 1993 |
प्रमोचन स्थल | शार केंद्र, श्रीहरिकोटा, भारत |
प्रमोचन यान | पीएसएलवी-डी1 |
कक्षा | कार्यान्वित नहीं की जा सकी |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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