"एक व्यक्तित्व" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " भारत " to " भारत ") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "फरवरी" to "फ़रवरी") |
||
पंक्ति 8: | पंक्ति 8: | ||
<center>'''छत्रपति शिवाजी महाराज'''</center> | <center>'''छत्रपति शिवाजी महाराज'''</center> | ||
[[चित्र:Chatrapati Shivaji-2.jpg|right|100px|शिवाजी|link=शिवाजी]] | [[चित्र:Chatrapati Shivaji-2.jpg|right|100px|शिवाजी|link=शिवाजी]] | ||
− | *शिवाजी महाराज का पूरा नाम '''शिवाजी राजे भोंसले''' था। [[शाहजी भोंसले]] की पहली पत्नी [[जीजाबाई]] ने शिवाजी को 19 | + | *शिवाजी महाराज का पूरा नाम '''शिवाजी राजे भोंसले''' था। [[शाहजी भोंसले]] की पहली पत्नी [[जीजाबाई]] ने शिवाजी को 19 फ़रवरी, 1630 को [[महाराष्ट्र]] के शिवनेरी दुर्ग में जन्म दिया। |
*शाहजी भोंसले ने शिवाजी के जन्म के उपरान्त ही अपनी पत्नी को त्याग दिया था। इसलिये उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे। | *शाहजी भोंसले ने शिवाजी के जन्म के उपरान्त ही अपनी पत्नी को त्याग दिया था। इसलिये उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे। | ||
*बालक शिवाजी का लालन-पालन उनके स्थानीय संरक्षक दादाजी '''कोणदेव''' तथा जीजाबाई के [[समर्थ रामदास|समर्थ गुरु रामदास]] की देखरेख में हुआ। | *बालक शिवाजी का लालन-पालन उनके स्थानीय संरक्षक दादाजी '''कोणदेव''' तथा जीजाबाई के [[समर्थ रामदास|समर्थ गुरु रामदास]] की देखरेख में हुआ। | ||
पंक्ति 51: | पंक्ति 51: | ||
* इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर और माँ पार्वती अम्माल थीं। | * इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर और माँ पार्वती अम्माल थीं। | ||
* वेंकटरामन ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की 'एम॰ आर॰ सी॰ लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी' के स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक थे। | * वेंकटरामन ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की 'एम॰ आर॰ सी॰ लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी' के स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक थे। | ||
− | * 'रामन प्रभाव' की खोज 28 | + | * 'रामन प्रभाव' की खोज 28 फ़रवरी 1928 को हुई थी। इस महान खोज की याद में 28 फ़रवरी का दिन हम 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाते हैं। इस महान खोज 'रामन प्रभाव' के लिये 1930 में श्री रामन को 'भौतिकी का नोबेल पुरस्कार' प्रदान किया गया और रामन भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले एशिया के पहले व्यक्ति बने। |
* डॉ.रामन का देश-विदेश की प्रख्यात वैज्ञानिक संस्थाओं ने सम्मान किया। [[भारत]] सरकार ने 'भारत रत्न' की सर्वोच्च उपाधि देकर सम्मानित किया। | * डॉ.रामन का देश-विदेश की प्रख्यात वैज्ञानिक संस्थाओं ने सम्मान किया। [[भारत]] सरकार ने 'भारत रत्न' की सर्वोच्च उपाधि देकर सम्मानित किया। | ||
* सोवियत रूस ने उन्हें 1958 में 'लेनिन पुरस्कार' प्रदान किया। | * सोवियत रूस ने उन्हें 1958 में 'लेनिन पुरस्कार' प्रदान किया। |
08:11, 25 सितम्बर 2010 का अवतरण
भारत कोश पर एक व्यक्तित्व के लिए चयनित लेखों की सूची
लेख | शीर्षक |
---|---|
|
|
|
|
|
|
|