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'''कचहरी''' [[मध्य काल]] के सामंतवादी युग में उस स्थान को कहा जाता था, जहाँ पर सम्राट, उसके सामंत अथवा अन्य अधिकारी विभिन्न विषयों पर अपने निर्णय देते थे। | '''कचहरी''' [[मध्य काल]] के सामंतवादी युग में उस स्थान को कहा जाता था, जहाँ पर सम्राट, उसके सामंत अथवा अन्य अधिकारी विभिन्न विषयों पर अपने निर्णय देते थे। | ||
− | *वर्तमान शासन प्रणाली में प्रत्येक राज्य न्यायिक प्राविधि द्वारा अधिकार दायित्व संबंधी विवादों के समाधान एवं विधि की अधिकृत व्याख्या के लिए | + | *वर्तमान शासन प्रणाली में प्रत्येक राज्य न्यायिक प्राविधि द्वारा अधिकार दायित्व संबंधी विवादों के समाधान एवं विधि की अधिकृत व्याख्या के लिए पृथक् संगठन की स्थापना करता है। इन संस्थाओं के लिए एवं उस स्थान के लिए जहाँ न्याय प्रशासन होता है, 'कचहरी' [[शब्द (व्याकरण)|शब्द]] का प्रयोग होता है।<ref>{{cite web |url= http://khoj.bharatdiscovery.org/india/%E0%A4%95%E0%A4%9A%E0%A4%B9%E0%A4%B0%E0%A5%80|title= कचहरी|accessmonthday= 27 जुलाई|accessyear= 2014|last= |first= |authorlink= |format= |publisher=भारतखोज |language=हिन्दी}}</ref> |
13:29, 1 अगस्त 2017 का अवतरण
कचहरी मध्य काल के सामंतवादी युग में उस स्थान को कहा जाता था, जहाँ पर सम्राट, उसके सामंत अथवा अन्य अधिकारी विभिन्न विषयों पर अपने निर्णय देते थे।
- वर्तमान शासन प्रणाली में प्रत्येक राज्य न्यायिक प्राविधि द्वारा अधिकार दायित्व संबंधी विवादों के समाधान एवं विधि की अधिकृत व्याख्या के लिए पृथक् संगठन की स्थापना करता है। इन संस्थाओं के लिए एवं उस स्थान के लिए जहाँ न्याय प्रशासन होता है, 'कचहरी' शब्द का प्रयोग होता है।[1]
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