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− | + | '''कटास''' [[पाकिस्तान]] के पंजाब, खेवड़ा से तेरह मील दूर है। | |
− | कटास [[पाकिस्तान]] के पंजाब, खेवड़ा से तेरह मील दूर है। किंवदंती है कि कटास में [[पांडव|पांडवों]] ने अपने अज्ञातवास में कुछ दिन निवास किया था। कटास एक अथाह कुंड है जो तीर्थ रूप में मान्य था। कहा जाता है गुरुगोरखनाथ ने भी कुछ दिन रहकर कटास में आराधना की थी। कटास का [[संस्कृत]] नाम कटाक्ष कहा जाता है। कटास के कुंड को [[पृथ्वी]] का नेत्र अथवा कटाक्ष माना जाता है। | + | *किंवदंती है कि कटास में [[पांडव|पांडवों]] ने अपने अज्ञातवास में कुछ दिन निवास किया था। |
+ | *कटास एक अथाह कुंड है जो तीर्थ रूप में मान्य था। | ||
+ | *कहा जाता है गुरुगोरखनाथ ने भी कुछ दिन रहकर कटास में आराधना की थी। | ||
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11:18, 16 दिसम्बर 2011 का अवतरण
कटास पाकिस्तान के पंजाब, खेवड़ा से तेरह मील दूर है।
- किंवदंती है कि कटास में पांडवों ने अपने अज्ञातवास में कुछ दिन निवास किया था।
- कटास एक अथाह कुंड है जो तीर्थ रूप में मान्य था।
- कहा जाता है गुरुगोरखनाथ ने भी कुछ दिन रहकर कटास में आराधना की थी।
- कटास का संस्कृत नाम कटाक्ष कहा जाता है।
- कटास के कुंड को पृथ्वी का नेत्र अथवा कटाक्ष माना जाता है।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
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