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कपास

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कपास नकदी फ़सल है। इससे रूई तैयार की जाती है, जिसे 'सफ़ेद सोना' कहा जाता है। कपास लम्बे रेशे वाले सबसे सर्वोत्तम प्रकार के होते हैं, जिसकी लम्बाई 5 सेंमी0 से अधिक होती है। इससे उच्च कोटि का कपड़ा बनाया जाता है। तटीय क्षेत्रों में पैदा होने के कारण इसे समुद्र द्वीपीय कपास भी कहते हैं। मध्य रेशे वाला कपास जिसकी लम्बाई 3.5 से 5 सें0 मी0 तक होती है, मिश्रित कपास कहलाता है। तीसरे प्रकार का कपास छोटे रेशे वाला होता है, जिसके रेशे की लम्बाई 3.5 सें0 मी0 तक होती है।

भौगोलिक कारक

तापमान-210 से 270 सें0 ग्रे0 वर्षा-75 से 100 सें0 मी0 मिट्टी-काली

विश्व वितरण

विश्व में प्रतिवर्ष लगभग 150 लाख मीट्रिक टन कपास पैदा होता है। सं. रा. अमेरिका, चीन, भारत, ब्राजील, मिस्र, सूडान आदि कपास के प्रमुख उत्पादक देश हैं।

उत्पादन

संयुक्त राज्य अमेरिका कपास उत्पादन का विश्व में सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यहाँ विश्व का लगभग 22% कपास पैदा किया जाता है। चीन में विश्व का 17% कपास का उत्पादन किया है। चीन में यांग्टसी नदी की निचली घाटी तथा ह्वांग-हो नदी का ऊपरी डेल्टा प्रमुख कपास के उत्पादक क्षेत्र हैं। भारत में विश्व के कुल उत्पादन का 8% कपास का उत्पादन किया जाता है। कपास उत्पादन की दृष्टि से भारत का विश्व में तीसरा स्थान है। कपास उत्पादन के प्रमुख राज्यों में क्रमशः महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रमुख हैं। अन्य उत्पादक देशों में ब्राजील का साओपोलो क्षेत्र, मिस्र का नील डेल्टा, सूडान का जजीरा व सफ़ेद नील की घाटी तथा पाकिस्तान आदि महत्त्वपूर्ण हैं।

निर्यातक देश

संयुक्त राज्य अमेरिका, उज्बेकिस्तान, यूक्रेन, पाकिस्तान, मिस्र, सूडान, ब्राजील, पेरू, मैक्सिको, तुर्की, भारत, सीरिया, कोलम्बिया आदि।

आयातक देश

जापान, (15%), कोरिया (8%), चीन (7%), इटली (6%), जर्मनी (5%), फ्रांस (4%), पोलैण्ड (3%), स्लोवाकिया, इण्डोनेशिया, आस्ट्रेलिया, भारत आदि।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ