"कांकड़ोली" के अवतरणों में अंतर
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "==सम्बंधित लिंक==" to "==संबंधित लेख==") |
|||
पंक्ति 3: | पंक्ति 3: | ||
*यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारिकाधीश (द्वारिकानाथजी) का मंदिर बना है। | *यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारिकाधीश (द्वारिकानाथजी) का मंदिर बना है। | ||
*यहाँ की मूर्ति सात स्वरुपों में से एक होने के कारण यह भी वैष्णवों का एक तीर्थ है। | *यहाँ की मूर्ति सात स्वरुपों में से एक होने के कारण यह भी वैष्णवों का एक तीर्थ है। | ||
− | *नाथद्वारे आने वाले वैष्णवों में से कई यहाँ भी दर्शन के लिए जाते हैं। | + | *[[नाथद्वार उदयपुर|नाथद्वारे]] आने वाले वैष्णवों में से कई यहाँ भी दर्शन के लिए जाते हैं। |
*यह मूर्ति [[श्रीनाथजी]] से कुछ पहले [[औरंगजेब]] के भय से ही [[मेवाड़]] में लाकर स्थापित की गई थी। | *यह मूर्ति [[श्रीनाथजी]] से कुछ पहले [[औरंगजेब]] के भय से ही [[मेवाड़]] में लाकर स्थापित की गई थी। | ||
*यहाँ के गुसाई जी महाराणाओं के वैष्णव गुरु हैं। | *यहाँ के गुसाई जी महाराणाओं के वैष्णव गुरु हैं। | ||
− | + | {{लेख प्रगति | |
+ | |आधार= | ||
+ | |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 | ||
+ | |माध्यमिक= | ||
+ | |पूर्णता= | ||
+ | |शोध= | ||
+ | }} | ||
==संबंधित लेख== | ==संबंधित लेख== | ||
{{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | {{राजस्थान के पर्यटन स्थल}} | ||
[[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]__INDEX__ | [[Category:राजस्थान]][[Category:राजस्थान_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर]][[Category:उदयपुर_के_पर्यटन_स्थल]][[Category:उदयपुर_के_धार्मिक_स्थल]][[Category:पर्यटन_कोश]]__INDEX__ |
10:32, 2 अक्टूबर 2010 का अवतरण
- उदयपुर राजस्थान का एक ख़ूबसूरत शहर है और उदयपुर पर्यटन का सबसे आकर्षक स्थल माना जाता है।
- कांकड़ोली गाँव नाथद्वारे से 10 मील की दूरी पर उत्तर में रासमुद्र के बांध के पास ही बसा हुआ है।
- यहाँ वल्लभ सम्प्रदाय का द्वारिकाधीश (द्वारिकानाथजी) का मंदिर बना है।
- यहाँ की मूर्ति सात स्वरुपों में से एक होने के कारण यह भी वैष्णवों का एक तीर्थ है।
- नाथद्वारे आने वाले वैष्णवों में से कई यहाँ भी दर्शन के लिए जाते हैं।
- यह मूर्ति श्रीनाथजी से कुछ पहले औरंगजेब के भय से ही मेवाड़ में लाकर स्थापित की गई थी।
- यहाँ के गुसाई जी महाराणाओं के वैष्णव गुरु हैं।
|
|
|
|
|