कारख़ाना संशोधन अधिनियम, 1946

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:15, 4 अप्रैल 2018 का अवतरण (''''कारख़ाना संशोधन अधिनियम, 1946''' गवर्नर-जनरल लॉर्ड...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कारख़ाना संशोधन अधिनियम, 1946 गवर्नर-जनरल लॉर्ड वेवेल द्वारा वयस्क श्रमिकों के हितों की रक्षा हेतु लाया गया था।

मुख्य प्रावधान

  1. इस अधिनियम के तहत श्रमिकों के कार्य करने की अवधि 9 घंटे निर्धारित कर दी गई।
  2. मौसमी कारख़ानों में कार्य करने की अवधि 10 घंटे निश्चित थी।
  3. 200 से अधिक श्रमिकों के कार्य करने वाले कारख़ानों में कैंटीनों की व्यवस्था का प्रावधान किया गया।


नोट - स्वतंत्र भारत का पहला विस्तृत कारख़ाना अधिनियम 1948 में लाया गया था।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत में कारखाना अधिनियम (हिंदी) divanshugs.blogspot.in। अभिगमन तिथि: 04, अप्रैल।

संबंधित लेख