कुलशेखर
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कुलशेखर दक्षिण भारत के एक मध्यकालीन अलवार संत थे। वैष्णव समाज में आज भी उनका नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
- कुलशेखर केरल नरेश दृढ़्व्रात के पुत्र थे।
- राजकर्त्तव्य पालन करते हुए कुलशेखर ने अपना जीवन भगत्वभक्ति और अध्ययन में लगाया।
- श्रीरंगम् में रहकर उन्होंने 'मुकुंदमाला' नामक एक काव्य की रचना की थी।
- कुलशेखर का वैष्णव समाज में बहुत आदर है।[1]
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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