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'''कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Konakuppakatil Gopinathan Balakrishnan'', जन्म- [[12 मई]], [[1945]]) [[भारत]] के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। देश के 37वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे पहले दलित और मलयाली व्यक्ति हैं।
 
'''कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन''' ([[अंग्रेज़ी]]: ''Konakuppakatil Gopinathan Balakrishnan'', जन्म- [[12 मई]], [[1945]]) [[भारत]] के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। देश के 37वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे पहले दलित और मलयाली व्यक्ति हैं।
  
*उनका पूरा नाम कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन है, लेकिन वे के. जी. बालाकृष्णन के नाम से अधिक जाने जाते हैं।
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*उनका पूरा नाम कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन है, लेकिन वे के. जी. बालकृष्णन के नाम से अधिक जाने जाते हैं।
*न्यायमूर्ति के. जी. बालाकृष्णन का जन्म त्रावणकोर के कस्बे थलायोलपारम्बू में पुलाया जाति से संबंधित एक दलित और दरिद्र [[परिवार]] में हुआ था, जो वर्तमान में [[केरल|केरल राज्य]] का कोट्टयम ज़िला है।
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*न्यायमूर्ति के. जी. बालकृष्णन का जन्म त्रावणकोर के कस्बे थलायोलपारम्बू में पुलाया जाति से संबंधित एक दलित और दरिद्र [[परिवार]] में हुआ था, जो वर्तमान में [[केरल|केरल राज्य]] का कोट्टयम ज़िला है।
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*के. जी. बालकृष्णन के अनुसार - "हालांकि मेरे पिता ने केवल मैट्रिकुलेशन तक और मेरी मां ने मात्र सातवीं कक्षा तक ही शिक्षा पाई थी। वे अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते थे।"
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*बालकृष्णन के पिता वायकोम मुंशिफ न्यायालय में एक क्लर्क और [[के. आर. नारायणन]] के सहपाठी थे।
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*अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद के. जी. बालकृष्णन ने सरकारी हाईस्कूल वायकोम से अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त की, जिसके लिए वे प्रतिदिन पाँच कि.मी. की दूरी तय करते थे।
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*इसके बाद उन्होंने एर्नाकुलम के महाराजा कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ से अपनी बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने एल.एल.बी. की डिग्री गवर्नमेन्ट लॉ कॉलेज, एर्नाकुलम से हासिल की।
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*के. जी. बालकृष्णन ने सन [[1968]] में केरल बार काउंसिल में एक अधिवक्ता के रूप में अपना नामांकन कराया और इसी बीच उन्होंने अपना एल.एल.एम. पूर्ण किया।
  
  

06:24, 13 मई 2017 का अवतरण

कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन (अंग्रेज़ी: Konakuppakatil Gopinathan Balakrishnan, जन्म- 12 मई, 1945) भारत के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश हैं। देश के 37वें मुख्य न्यायाधीश बनने वाले वे पहले दलित और मलयाली व्यक्ति हैं।

  • उनका पूरा नाम कोनकुप्पकतिल गोपिनाथन बालकृष्णन है, लेकिन वे के. जी. बालकृष्णन के नाम से अधिक जाने जाते हैं।
  • न्यायमूर्ति के. जी. बालकृष्णन का जन्म त्रावणकोर के कस्बे थलायोलपारम्बू में पुलाया जाति से संबंधित एक दलित और दरिद्र परिवार में हुआ था, जो वर्तमान में केरल राज्य का कोट्टयम ज़िला है।
  • के. जी. बालकृष्णन के अनुसार - "हालांकि मेरे पिता ने केवल मैट्रिकुलेशन तक और मेरी मां ने मात्र सातवीं कक्षा तक ही शिक्षा पाई थी। वे अपने बच्चों को सर्वश्रेष्ठ शिक्षा देना चाहते थे।"
  • बालकृष्णन के पिता वायकोम मुंशिफ न्यायालय में एक क्लर्क और के. आर. नारायणन के सहपाठी थे।
  • अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद के. जी. बालकृष्णन ने सरकारी हाईस्कूल वायकोम से अपनी स्कूली शिक्षा समाप्त की, जिसके लिए वे प्रतिदिन पाँच कि.मी. की दूरी तय करते थे।
  • इसके बाद उन्होंने एर्नाकुलम के महाराजा कॉलेज में प्रवेश लिया, जहाँ से अपनी बी.एस.सी. की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने एल.एल.बी. की डिग्री गवर्नमेन्ट लॉ कॉलेज, एर्नाकुलम से हासिल की।
  • के. जी. बालकृष्णन ने सन 1968 में केरल बार काउंसिल में एक अधिवक्ता के रूप में अपना नामांकन कराया और इसी बीच उन्होंने अपना एल.एल.एम. पूर्ण किया।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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